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________________ ४ ३ ८२३* । ه . لم ه टू जइ तिनि सव्वगमणं जइ ते चित्तं झाणं . जइ ते लिंग पमाणं जइत्ता विउले जन्ने जइ दोण्ह एग मिक्खा जह पगई कीस पुणो जइ पच्छकम्मदोसा जइ पुण खद्धपणीए जइ पुण गच्छंताणं . जइ पुण निव्वाधाए जइ पुण निवाघाओ जइ पुण पासवणं से जइ पुण वच्चंताणं जइ पुण वियाल पत्ता १५७ जइ फुल्ला कणियारया ३ १५८४ जइ फुसइ तहिं तुंडं जइ मज्झ कारणा एए जइ य पडिक्कमियव्वं ३ जइ रित्तो तो दवमत्तगंमि जइ लिंगमप्पमाणं ४ जइ लुद्धो राइणिओ २२ जइ वासुदेवु पढमो १४६९ जइविय ता पजत्ता १६१५ जइविय पडिमाउ ३ ६३६ जइवि वयमाइएहिं .. ३ २६५+ जइवि सुओ मे होही ६ ६४३ जइ संका दोसकरी ६ १९९ जइऽसि भोगे चइडं असत्तो ७ SUSCROGASACAS १२५५ जइऽसि रूवेण वेसमणो ७ २२५+ जइ सुद्धा संवासो ४ ८०१* जइ सुयनाणस्स उद्देसो ६८३ जइ से न जोगहाणी २५३ जइ हुज तस्स अणलो ११३६ जउधरपासायंमि . जक्खो तहिं तिंदुयरुक्खवासी ७ ४३१ जगनिस्सिएहिं भूएहिं ७ ४६७ जचंजणधाउसमप्पहाण १ ११४७ जच्चिय देहावत्था ७१३ जड्डे महिसे चारी ५११ जड्डा जं वा तं वा सुकुमारं ४ ५२९ जणणी सव्वत्थ विणिच्छएसु ३ ४३७* जणलावो परगामे ४ ३६६* २१७* ३१* ه ३ م ३९ 000000000 १३१+ ०५२ १४०+
SR No.600306
Book TitleNandyadigathadyakaradiyuto Vishayanukram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagaranandsuri, Anandsagarsuri
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1928
Total Pages374
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_index
File Size25 MB
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