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________________ नं.अ.आ. ०२* सूधाधनु ओ. ६ ६ द.पि. उ. ॥७३॥ ५०८ २२३ मंखलि मंख सुभद्दा मंगलहेउं पुन्नट्ठया मंडलपसूतिकुट्ठी मंडलि अहराइणिआ मंडलिभायण भोयण मंडिअ मोरियपुत्ते मंडिय मोरियपुत्ते मंतं मूलं विविहं विज० मंताजोगं काउं मंदा यं फासा बहुलोभ० मंदिरे अग्गिभूई | मंसवससोणियासव माई मुद्धेण पडई माउयपयंति नेयं rur 2000m.." ४७३ मा एयं देहि इम २९० मा काहंति अवणं , ६०० मा गलियस्सेव कसं २८३+ मागहमाई विजयो ५३७ माणविजएणं भंते ! २१* माणं तु रयत्ताणे ५९४ माणुम्माणपमाण ५०१* माणुसत्तं भवे मूलं १६३६* माणुसत्तंमि आयाओ १२६* माणुसत्ते असारंमि ४४२ माणुस्स खेत्त जाई ५३९ माणुस्स खित्त जाई कुल १०४९* माणुस्सयं चउद्धा २३५+ माणुस्सं धम्मसुई सद्धा 6.600 66 ५ २३७ माणुस्सं विग्गह लर्बु २३९ मा ताव झंख पुत्तय ! १२* मा ते फंसेज कुलं ३४८ मा दिच्छिहिंति तो ८२ मा मे एजउ काउत्ति ७०४ मा मे चलउत्ति तणू ९६* मा य चंडालियं कासी १९३* मायपिइ पुव्वसंथव १०५* मायंमि उ निक्खेवो ६१४* मायरं पियरं वावि ८३१ मायाए उस्सग्गं १५८ मायागारवसहिओ १४५२ माया पिया ण्हुसा भाया १५५ माया पुत्तं जहा नहुँ SANERS55454 ४८५ 6 . ३ १२०८ १६३७ ॥७३॥ ७ ३ . ३ २ १६२* ११५*
SR No.600306
Book TitleNandyadigathadyakaradiyuto Vishayanukram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagaranandsuri, Anandsagarsuri
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1928
Total Pages374
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_index
File Size25 MB
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