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॥ तीर्थाधिराज श्री शत्रुजयगिरिवराय नमोनमः ॥
श्री आचारागाोकादशाङ्ग्याः सूत्रतद्गाथाद्यकारादि.
संकलिता:ध्यानस्थस्वगत बहुश्रुत आगमाद्धारक प. पू. आचार्य देवेश श्री आनन्दसागरसूरीश्वरजी महाराजा
आ ग्रंथरत्नःश्री वर्द्धमान आचाम्लतपोनिष्णात व्याकरणविशारद मालवदेशोद्धारक शासन हितवर्द्धक अनेक संस्था संस्थापक प पू. आचार्य देवेश श्री चन्द्रसागरसूरीश्वरजी महाराजाना पवित्र हस्ते पालीताणा श्री खुशालभुवनमा तेओश्रीना प्रशिष्यरत्न तपस्वी प. गुरुदेव श्री दर्शनसागरजी महाराजश्रीने संवत २००८ ना कारतक वदि ३ ने शुकबारे श्री चतुर्विध संघनी विशाल हाजरीमा अष्टान्हिका महोत्सवपूर्वक धामधुमथी थएल श्री गणिपदप्रदान निमित्त पज्य मुनिराज श्री न्यायसागरजी महाराज तथा एज्य मुनिराज श्री जीतेन्द्रसागरजी महाराजना सदुपदेशथी श्री धेोली (हाल आदि
याणा) ग्राम निवासी सुश्रावक त्रीभोवनदास पीताम्बरदास तरफथी सादर समर्पण.