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________________ ८आ. ९सू. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राधकः, सूत्राद्यादि, सूत्रे. सूत्राधङ्कः सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राथङ्कः १४ उपा. १०स्था. 3 सहिओ दुक्खमत्ताए८ १२१ | संतत्ता केसलोएण ९ १७७* | संबुज्झमाणो उ गरे मतीम ९ ४९३* | | १५ अंत११ स. अनु. संकुचियवियसियतं ८ १८०नि. संतरं भैते! नेरइया उववज्जं०१२ ३७७ | संबुज्झमाणे पुणरवि ८ ७०* १२ भ. |१६ प्रश्न | संकेज्जयाऽसंकितभाव भिक्खू ६०१* | संतरं भैते! नेरइया उववद्वृति१२ ३७१ | संबुझह किं न बुज्झह ९ ८९नि.७|| १३ ज्ञा १७विपा. संखाइ धम्म च वियागरंति ९ ५९७* | संति पंच महन्भूया ९-७०।९-१* संबुज्झहा जंतवो माणुसचं ९ ३९१* ॥१२६॥ संखाय पेसलं धम्म १-२२४*२४६* संति पाणा पुढो सिया ८ १५ | संभवाओ णमरहातो अभि०१० ७३० | संखे जयंति पुढवि० १२ ७१% संतिमे तउ आयाणा ९ ५३* | संभवेणं०चत्तारि धणुसया० ११ १०६ | संगाणं च परिणाया ११ ५९४ संधए साधम्र्म च ९ ५३१* | संभूय सुभद्दसुदंसणे ११ १३२* संघाडीओ पवेसिस्सामो ८ ७८* | संधि लोयस्स जाणित्ता ८ ११६ | संलोकणिज्जमणगारं ९ २७६* संघायणे य परिसाडणा य ९ ७नि. संपराइयण्णं कम्मं किं नेरइयो१२३४१ | संवच्छरं साहियं ८ ४५* | संजतमणुस्साणं सुत्ताणं १० ४२२ | संपरायं णियच्छति ९ ४१८* | संवच्छर सुविणं लक्खणं च ९ ५४३* | संजोगे सोलसगं ८ २०नि | संपसारी कयकिरिए ९ ४५२* | संवच्छरेण भिक्खा ११ १०५* || संडासंग च फणिह ९ २८८५ | संबद्ध समकप्पा उ ९ २१२* | संवच्छरेण होहिद ८ ११२* | संतच्छणं नाम महाहितावं ९ ३१३* संवाहिया दुक्कडिणो थणंति ९ ३४४* : संवच्छरेणावि० पाणं०अणि०९ ७२१* AAAA-बार ॥१२॥
SR No.600305
Book TitleAcharangadyekadashangya Sutradgathadyakaradi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagaranandsuri, Anandsagarsuri
PublisherTribhovandas Pitambardas Sushravak
Publication Year1952
Total Pages146
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_index
File Size10 MB
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