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________________ મહાયન્સ ॥ * आदिनाथ-भगवन् श्री भक्तामर-महायन्त्र-पूजनविधि-महोत्सवे अत्र अवतरत अवतरत संवौषट् । * ताभ२ नमः श्री आदिनाथाय स्वाहा ॥ (A ) (२) स्थापनम् स्या- मुद्रा २७. ॐ ही श्री* * - अर्ह गोमुख-चक्रेश्वरी-मुख़्यदेवादि-सहित श्री आदिनाथ-भगवन् श्री भक्तामर - महायन्त्र- * विधि* पूजन विधि-महोत्सवे अत्र तिष्ठत तिष्ठत ठः ठः। नमः श्री आदिनाथाय स्वाहा ॥ ( it). * (३) सन्निधापनम् सन्निधानी भुताय ४२७. ॐ ही श्री अर्ह गोमुख-चक्रेश्वरी-मुख्यदेवादि* सहित श्री आदिनाथ-भगवन् श्री भक्तामर-महायन्त्र - पूजन विधि - महोत्सवे मम सन्निहिता • भवत भवत वषट् । नमः श्री आदिनाथाय स्वाहा ॥ (A ) (४) सन्निरोधनम् भनिन * मुद्रा २७. ॐ ही श्री अर्ह गोमुख-चक्रेश्वरी मुख्यदेवादि सहित श्री आदिनाथ-भगवन् श्री भक्तामर-महायन्त्र पूजन विधि महोत्सवे पूजां यावदौव स्थातव्यम् । नमः श्री आदिनाथाय स्वाहा ॥ (Ast) (५) अवगुण्ठनम् ARY-3नी मुद्रामे ४२७. ॐ ही श्री अर्ह गोमुख चक्रेश्वरी-मुख्यदेवादि सहित श्री आदिनाथ भगवन् श्री भक्तामर-महायन्त्र पूजन विधि महोत्सवे * *परेषामदृश्या भवत भवत फट । नमः श्री आदिनाथाय स्वाहा ॥ (A ) (६) पूजनम् wala Kud ywन २. ॐ ही* श्री अर्ह गोमुख-चक्रेश्वरी-मुख्यदेवादि सहित श्री आदिनाथ **XXX*** * ****
SR No.600292
Book TitleBhaktamar Kalyanmandir Mahayantra Poojan Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVeershekharsuri
PublisherAdinath Marudeva Veeramata Amrut Jain Pedhi
Publication Year
Total Pages322
LanguageGujarati
ClassificationManuscript, Ritual, & Vidhi
File Size9 MB
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