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________________ 48 अनुवादक-वाल ह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋांजी सिए, जेणं तस्स रासिस्स अवहार समया कडजुम्मा सेतं कडजुम्म कलि ओगे ४, जेणं रासी घउक्कएणं अवहारे अयहीरमाणे चउपजवसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया तओग सेतं तेओगकडजम्मे ५, जेणंरासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपजवसिए जणं तस्सर सिस्स अबहारसमया तेओया सतं तेओग तेओगे ६, जेणं रासी चउक्करणं अवह रेणं अवहारेमाणे दुपजवसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहार समया तेओया सेतं तोगदावरजुम्मे ७, जेणं रासी घउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए जेणं सस्सरासिस्स अवहारसमया वह कायुग्म द्वापर, ४ जिम राशि को चार का विभाग देते एक रहे और विभाग देने में कृतयुग्म (चार) समय लगे. यह कृतयु: कल्योज राशि है.५ मिस राशि को चार का भाग देते शेष चार रखें और देने में तीन समय लगे, वह व्यंज कृतयुग्म : जिह राशि को चार का भाग देने से दोष तीन रहे और भाग देने के भी तीन समय लगे वह व्योग व्योज ५ जिस राशि को चार का भाग देने से शेष दो भार विभाग देने तीन समय लगे यह श्याज द्वापरयुग्म, ८ जिस राशि को चार भाग देने स शेष एक रहे और विमाग देने के समय तीन लगे वह न्योज कल्योज, ९ जिस राशि को • प्रकाशक-राजाबहादुर लाला मुखदेव सहायजी ज्वालाप्रसादजी. भावाः
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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