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________________ अणंतगुणा, संखे जपएसिया खंधा दन्नट्टयाए संखेजाणा असंखेबपएसिया खंधा दन्वट्ठयाए अमखंबं गुणापदेसट्टयाए सम्वत्थोवा अर्णतादेसिया खंधा,पदेखट्टयाए परमा. गुपागला अपद उट्टयाए अगंतगुणा, संखे अपदेलिया खंधा पदेसट्टयाए संखेनगुणा, अमखेजपएमिया खंधा पदेसट्टयाए असखेजगुणा ॥. दबटुपएमट्टयाए सम्वत्थोका अणतपदसिया दबट्ठयाए तेचव पदसट्टयाए अणंतगुणा ।। परमाणुगेग्गला दबट्टयाए अपएमट्टयाए अगंतगुणा, संखजपदसिया खंधा दवट्टयाए संखजगुणा, तेचव पदे. सट्टयाए संखजगुणा,असंखेजपएमिया खंधा दन्वट्टयाए असंखेजगुणा तेचेव पदेसट्टयाए असंखेनगुगा, ॥२२॥ एएसिणं भंते ! एग पदेसीगाढाणं संखजपदेसोगाढाणं असं. भावार्थ Fi द्रव्य से अख्यान गुने. सब से थडे प्रदेश से अनंत प्रदेशिक संघ, इस से परमाणु पुगल अम. शिक अनंन गुने, इम से प्रख्यात प्रदेशिक स्कंध प्रदेश से संख्यात गुने इस से असंख्यात प्रदेशिक मदश मे अख्यात गुन. अब द्रव्य प्रदेश आत्री अनंत प्रदशिक स्कंध दन्य से सब से धोरे उस से । वही प्रदेश आश्री अनंत गुम इस मे परमाणु पुरर द्रव्य से अमेशिक अनंत गुमे, इस से प्रख्यात . मदे-13 शिक. ध द्रव्य में संरूपान मुझे इस से वही प्रदेश में संख्यात गुने, इस मे असंख्यात. प्रदेशिक स्कंध द्रव्य से असंख्यात गुने इस से नहीं बंदश पाश्री असंख्यात गुना ॥ २२॥ अहो भगवन् ! इन 1 पंचांग विवाह पणत्ति ( भगवती ) सूत्र 48 + बीसवा शक का चौथा मेवा का
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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