________________
49 अनुवादक - बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी +
भावार्थ |
असंखेज्जगुणे ८ वादरस्स पज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे सुहुमस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे १० बादरस्स अपज्जत्तगस्स उको जोए असंखेज्जगुणे ११ सुहुमस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेजगुणे १२ वादरस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे १३ वेइंदियस्स पज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे १४ एवं तेइंदियस्सवि १५ एवं जाव सण्णिपंचिंदियस्स पज्जतगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे १६ वेइंदियरस अप
९
{ के अपर्याप्त का जघन्य जोग असंख्यात गुना ८ इस से सूक्ष्म पर्याप्त का जघन्य जोग असंख्यात गुना ९ इस से बादर पर्याप्त का जघन्य जोग असंख्यात गुना १०. इस से सूक्ष्म अपर्याप्त का उत्कृष्ट योग असंख्यात गुना ११ इससे बादर अपर्याप्त का उत्कृष्ट योग असंख्यात गुना १२ इससे सूक्ष्म पर्याप्त का उत्कृष्ट योग असंख्यात गुना १३ इससे बादर पर्याप्तका उत्कृष्ट योग असंख्यात गुना १४ इससे बेइन्द्रिय के पर्याप्त का जघन्य योग असंख्यात गुना १५ इस से तेइन्द्रिय के पर्याप्त का जघन्य जोग असंख्यात गुना १६ { इस से चतुरेन्द्रिय के पर्याप्त का जघन्य योग असंख्यात गुना १७ इस से असंही पंचेन्द्रिय के पर्याप्त का जघन्य योग असंख्यात गुना १८ इस से संझी पंचेन्द्रिय के पर्याप्त का जघन्य योग असंख्यात गुना १९
* प्रकाशक- राजाबहादुर लाला सुखदेवसहायज्जी ज्वालाप्रसादजी *
२६९४