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भगवती ) मूत्र 428
देसा गुरुया देसा लहया देसे सीए देसे उसिणे देसेणिद्धे देसे लुक्खे एएवि सोलस भंगा भाणियन्वा ॥ एव मेते चउसट्टि भंगा कक्खडेणसमं ॥ सव्वे मउए देसेगुरुए देसेलहुए देसेसीए देसेउसिणे देसेणिद्धे देसेलुक्खे ॥ एवं मउएणवि चउसटि भंगा
भाणियन्वा ॥ सव्वे गुरुए देसेकक्खडे देसेमउए देसेसीए देसेउसिणे देसेणिद्धे देसे है लुक्खे, एवं गुरुएणवि चउसट्टि भंगा कायब्वा ३ ॥ सव्वे लहुए देसे कक्खडे
देसेमउए देसेसीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसेलुक्खे, एवं लहुएणविप्तमं चउसट्टि
भंगा कायव्वा ॥ सव्वेसीए देसेकक्खडे देसेमउए देसेगुरुए देसेलहुए देसेणिडे देसे कर्कश की साथ कहना. सब मृदु देश गुरु देश लघु दंश शीत देश उष्ण, देश स्निग्ध और देश रूक्ष ऐसे मृदु के भी ६४ भांगे. सब गुरु देश कर्कश देश मृद देश शीत देश ऊष्ण देश स्निग्ध देश रूक्ष ऐसे गुरु के ६४ भांगे, सघ लघु देश कर्कश देश मृदु देश शीत देश ऊष्ण देश निग्य देश रूक्ष यों लघु की साथ १६४ भांगे, सब शीत, देश कर्कश देश मृद देश गुरु देश लघु देश स्निग्ध देश रूक्ष यों शीत की साथ १६४ भामे, सर्व ऊष्ण देश कर्कश, देश मृदु देश गुरु देश लघु देश स्निग्ध देश रूक्ष यो. उष्ण की साथ ६४ भांगे, सब स्निग्ध देश कर्कश देश मृदु देश गुरु देश लघु देश शीत. देश ऊष्ण यों
20 बीसवा शतक का पांचवा उद्देशा
+ पंचांग विवाह
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