________________
सूत्र
भावार्थ |
46 पंचमांग विवाह पण्णत्ति ( भगवती ) सूत्र
अहवा
एगयओ दुपदेसिएखंधें भवइ एगयओ पंचपएसिएखंधे भवइ, अहवा एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ तिपदेसिएखंधे, एगयओ चउप्पएसिएखंधे भवइ, एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ दो दुपदेसिया खंधा, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुपदेसिए खंधे, एगयओ दो तिपदेसिया खंधा भवंति अहवा एगओ परमाणुपले 'एगओ तिणि दुपदेसिया खंधा, एगयओ तिपदेसिए खंधे भवइ, अहवा पंच दुपदेसिया खंधा भवंति । छहा कज्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपोग्गला
दो द्विपदेशात्मक स्कंध दो तीन प्रदेशात्मक स्कंध पांच टुकडे करते. चार परमाणु पुद्गल एक छ प्रदेशात्मक स्कंध, अथवा तीन परमाणु पुद्गल एक द्विप्रदेशात्मक स्कंध एक पांच प्रदेशात्मक स्कंध, अथवा तीन परमाणु पुद्गल एक तीन प्रदेशात्मक स्कंध एक चार मदेशात्मक स्कंध, अथवा दो परमाणु
पुद्गल दो द्विपदेशात्मक
स्कंध एक चार प्रदेशात्मक स्कंध, दो परमाणु पुद्गल एक द्विपदेशात्मक स्कंध, दो तीन प्रदेशात्मक स्कंध, | अथवा एक परमाणु पुद्गल, तीन द्विपदेशात्मक स्कंध एक तीन प्रदेशात्मक स्कंध, अथवा पांच द्विपदेशात्मक स्कंध छ टुकडे करते पांच परमाणु पुद्गल और पांच प्रदेशात्मक स्कंध, अथवा चार परमाणु पुद्गल, एक
बारहवा शतकका चौथा उद्देशा 88-498
१७०५