________________
विविध पूजन संग्रह
॥ ५ ॥
Jain Education International
·
•
....
ए उपकारी !
ए उपकार तुम्हारा कदि अणविसरे
परम कृपालु करुणासागर भूत- भावि वर्तमान तीर्थंकर सीमन्धरस्वामी एवं विरामी ढाणी तीर्थे बिराजमान श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान
बालब्रह्मचारी तीर्थोद्धारक शासनदीपक आचार्य श्री विजयनीतिसूरीश्वरजी म.सा.
कलिकाल के अप्रमत्त संयमी परम पूज्य आचार्य श्री मंगलप्रभसूरिजी म. सा.
अढीद्विप तीर्थ व सिद्धाचलशणगार ट्रंक निर्माता आचार्य भ. श्रीमद् विजयअरिहन्तसिद्धसूरीश्वरजी म.सा. वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेव हेमप्रभसूरीश्वरजी म.सा.
बाल्यकाल से अविरत स्नेहगंगा वर्षाकर हम सब के तरण तारण जहाज समान परम पूज्य गुरुवर्या साध्वी श्री सुशीलाश्रीजी एवं सा. श्री भक्ति श्रीजी म.
अन्त में मेरे जैसे अनेक को ज्ञानदान देनेवाले एवं शासन के अनेक महापूजन प्रतिष्ठा-अंजनशलाका द्वारा जिन्हों ने पूरे भारत में अद्वितीय यशः प्राप्त किया है। ऐसे हमारे सर्व के ज्ञानदाता पण्डितवर्य विधिकार शिरोमणि श्री चम्पकलाल सी. शाह (खिमाणावाले) अभी शिवगंज (राज.) सा. श्री दक्षरत्नाश्रीजी म.
For Personal & Private Use Only
॥ ५ ॥
www.jainelibrary.org