SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 137
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विविध पूजन संग्रह ॥ १३६ ॥ (२) बाद में मुख्य साधक से दीपक प्रगटाना । (३) मंत्र शोधन : पूजन करनेवालों को स्नान करके स्वच्छ लाल वस्त्र पहनकर बैठना चाहिए । फिर भी मंत्र की दृष्टि से शरीर और मन की विशेष शुद्धि करना जरुरी है । निम्न मंत्र २७ बार बोलना :__ "ॐ अरजे विरजे अशुद्धविशोधिनी मां शोधय शोधय स्वाहा ।" ___ यह मंत्र बोलते समय चिन्तन करना कि, मेरे शरीर और मन की विशुद्धि हो रही है। (४) अमृताभिषेक : निम्न मंत्र ३ बार बोलना "ॐ अमृते अमृतोद्भवे, अमृतवर्षिणी अमृतं स्रावय २ स्वाहा ।" इस मंत्र को बोलते समय यह चिंतन करना चाहिए, कि मेरे मस्तक पर अमृत की वर्षा हो रही है और मैं मंत्र स्नान कर रहा हूँ। इस मंत्र को बोलते समय थोड़ी-थोड़ी देर बाद दोनों हाथो से अमृत वर्षा की मुद्रा करते रहना । श्री पार्श्व पद्मावती महापूजन विधि ॥१३६ ॥ For Personal Price Only
SR No.600250
Book TitleVividh Pujan Sangraha
Original Sutra AuthorChampaklal C Shah, Viral C Shah
Author
PublisherAnshiben Fatehchandji Surana Parivar
Publication Year2009
Total Pages266
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy