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________________ कल्प ॥५३॥ RRRRRRRRSX यायणसगुत्तस्स श्मे दो थेरा अंतेवासी अदावच्चा अनिमाया हुबा, तंजहा-थेरे 'अ- वारसो. जनबाहू' पाईणसगुत्ते, थेरे अजासंचूविजए' माढरसगुत्तें ॥ थेरस्स णं अज्ञानहबाहस्स पाईणसगुत्तस्स इमे चत्तारि थेरा अंतेवासी अदावच्चा अनिमाया हुबा, तंजहा-थेरे 'गोदासे' (२) थेरे 'अग्गिदत्ते' (२) थेरे 'जम्मदत्ते' (३) थेरे ‘सोमदत्ते।। (५) कासवगुत्तेणं ॥ थेरेहिंतो गोदासेहिंतो कासवगुत्तेहिंतो इन णं गोदासगणे नाम । गणे निग्गए, तस्स णं श्मा चत्तारि साहा एवमादिऊंति, तंजदा-तामलित्तिया (१) कोडीवरिसिया (२) पंमुवैक्षणिया (३) दासीखब्बमिया (४)॥ थेरस्स णं अऊसंनूयविजयस्स माढरसगुत्तस्स इमे ज्वालस थेरा अंतेवासी अदावच्चा अनिरमाया हुबा, तंजदा-"नंदणनहु (१) वनंदण-नद्दे (२) तह तीसजद्द (३) जसलद्दे (४)। थेरे य सुमणंनद्दे (५) मणिनद्दे (६) पुस्मन्नद्दे (७) य ॥१॥ थेरे अ थूखनद्दे (G) १ संभूइविजए; २ पोंडवद्धणया (क० कि०); ३ सुमिणभद्दे (क० कि०); ४ गणिभदे; * * * ***RAL Jain Education For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600160
Book TitleKalpasutra Moolpath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherBhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publication Year1927
Total Pages142
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size7 MB
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