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________________ ----- - तपोरत्न महोदधि एकसो वीश कल्याणक तप, 336993GRESSERIES चोवीश तीर्थकरना च्यवन, जन्म, दीक्षा, ज्ञान अने निर्वाण ए पांच कल्याणकना १२० दिवसोने विष उपवासादिक तप करवा, एकासणाथी जे पंचकल्याणक आराधे ते मागशर शुदि १० Y आंबिल करे ने मागशर शु. ११ नो उपवास करी ६कल्याणक आराधे अने उपवासथी पंचकल्याणक आराधे ते मागसर शुदि १० ने अग्यारसनो प्रथम छह करी शरु करे तो पांच वर्षे कल्याणकतप पूरो थाय. उजमणे कनकसिंह राजानी जेम चोवीश जिनेश्वरोनी प्रतिमा भराववी. तिलक २४, पकवान २४ खाजा २४ अने कुंपी, कचोली विगेरे पूजानां उपकरणो २४-२४ ढोकवा. च्यवन कल्याणके "परमेष्ठिने नमः ए मंत्रनो जाप बे हजार (वीश नोकारवाळी) करवो. जन्म कल्याणके " अर्हते नमः"नोबे हजार जाप करवो. दीक्षा कल्याणके "नाथाय नमः" एनो जाप बे हजार करवो. ज्ञान कल्याणके "सर्वज्ञाय नमः" एनो बे हजार जाप करवो. निर्वाण कल्याणके "पारंगताय नमः" एनो वे हजार जाप करवो. तथा च्यवन कल्याणके साधर्मिक वात्सल्य, जन्म कल्याणके गोळ घीनुं दान, दीक्षाए टोपरा गोळ बहेंचवा, ज्ञाने संघपूजा अने निर्वाणे मोटी पूजा भणाववी. जे उपवासथी आ तप करे तेणे दरेक कल्याणके उपवास करवो. बे अथवा वधारे कल्याणक जे दिवसे होय तेनुं आराधन बीजा वर्षोमां करवु, ज्यां भगवंतनी कल्याणक भूमि होय त्यां मोटा महोत्सवथी संघ सहित यात्रा करवा जवु, विधि युक्त यात्रा करवी. तथा सर्व भगवंतोना पंचकल्याणकोनो उत्सव करवो. गरगुं विगेरे नीचे प्रमाणेतिथि. आसो वद. (गुजराती) कल्याणक. तिथि. आसो वद. ( गुजराती) कल्याणक, ५ श्री संभवनाथ सर्वज्ञाय नमः। केवल १२ श्री पद्मप्रभाहते नमः। जन्म CATEGRECASSECURRECA5% Jain Education For Private & Personal use only www.ainelibrary.org
SR No.600158
Book TitleTaporatna Mahodadhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhaktivijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year
Total Pages204
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size10 MB
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