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________________ सोपान तपोरत्नमहोदधि BECADARSHASTRORECAKC हमेशां सात सात दत्ति करवी. ( कुल दत्ति १९६.) बीजी आठ अहमिका-अहीं आठ दिवसनी एक ओळी गणवी. एची आठ ओळी करवाथी ६४ दिवसे आ वीजी प्रतिमा ५ पूर्ण थाय छे. अहीं पण उपरनी जेम पहेली ओलीना आठे दिवस हमेशा एक एक दत्ति करवी. बीजी ओलीना आठे दिवस बवे करवी. ए रीते वधता आठमी ओळीना आठे दिवस हमेशा आठ आठ दत्ति करवी. (कुल दत्ति २८८) त्रीजी नव नवमिका-अहीं नव दिवसनी एक ओळी एवी नव ओळी करतां ८१ दिवसे आ प्रतिमा पूर्ण थाय छे. तेमां पण उपर प्रमाणे पहेली नव दिवसनी ओळीमां हमेशा एक एक दत्ति करवी. बीजी नव दिवसनी ओळीमां हमेशा बचे दत्ति, ए प्रमाणे चडता चडता छवटे नवमी ओळीए हमेशां नव नव दत्ति करवी. ए रीते करतां कुल दत्ति ४०५ थाय छे. चोथी दश दशमिका-अहीं पण दश दिवसनी एक ओळी एवी दश ओळी करतां सो दिवसे आ प्रतिमा पूर्ण थाय छे. अहीं पण पहेली दश दिवसनी ओळीमां हमेशा एक एक दत्ति करवी. बीजी ओळीमां हमेशा बबे दत्ति करवी. ए रीते वधतां वधतां छेवट दशमी ओळीमां हमेशां दश दश दत्ति करवी. ए रीते करतां कुल ५५० दत्तिो थाय छे. आ चारे प्रतिमा नव मास अने चउवीश दिवसे पूर्ण थाय छे. तथा दत्तिनी संख्या १४३९ थाय छे. आ विषे प्रवचनसारोद्धारमां आ प्रमाणे का छेचउवीस दिवस अहिया नव मासा सव्व इत्थ दिवसाणि। चउद सया गुणयाला दत्तीणं हवइइय संखा ॥१॥ "आ तपमा चोवीश दिवसे करीने अधिक एवा नव माम सर्व तपना दिवसो छे. तथा चौदसो अने ओमणचाळीश RECAREAvas ॥ १०८।। Jain Education For Private Personal Use Only lainelibrary.org
SR No.600158
Book TitleTaporatna Mahodadhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhaktivijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year
Total Pages204
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size10 MB
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