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अत्थि य इत्थ केइ अभिसमण्णागएं अहासण्णिहिए एगे वा अणेगे वा, कप्पइ से एवं उपधिता8/वइत्तए-'इमं ता अजो! तुम मुहुत्तगं जाणेहि जाव ताव अहं गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाएपनविधिः
वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा आहारित्तए,
बहिया विहारभूमिं वियारभूमि सज्झायं वा करित्तए, काउस्सग्गं वा ठाणं वा ठाइत्तए' से | जय से पडिसुणिज्जा एवं से कप्पइ गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा
पविसित्तए वा, असणं पाणं खाइमं साइमं आहारित्तए वा, बहिया विहारभूमि वियारभूमि सज्झायं करित्तए वा । से य से नो पडिसुणिज्जा एवं से नो कप्पइ गाहावइकुलं भत्ताए। वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, असणं पाणं खाइमं साइमं आहारित्तए वा, बहिया विहारभूमिं वियारभूमि सज्झायं करित्तए वा, काउस्सग्गं वा ठाणं वा ठाइ-18 त्तए ॥५२॥ वासावासं पजोसवियाणं नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंधीण वा अण-12 भिग्गहियसिज्जासणियाणं हुत्तए, आयाणमेयं, अणभिग्गहियसिज्जासणियस्स अणुचाकू
OSAUGAUSAK
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