SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 182
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कल्प बारसा० ॥७५॥ SARKASSROORSARKARA वइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठस्स निगिझिय २ वुट्ठिकाए निवइजा, कप्पइ से अहे स्थवि आरामंसि वा अहे उवरसयंसि वा अहे वियडगिहंसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छि-18| वृष्टौ गृहात्तए ॥३७॥ तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स एगाए य निग्गंथीए एगयओ चिद्वित्तए १,18 दिषु निम्र न्यादीनां तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स दुण्हं निग्गंथीणं एगयओ चिद्वित्तए २, तत्थ नो कप्पइ8दुण्हं निग्गंथाणं एगाए य निग्गंथीए एगयओ चिद्वित्तए ३, तत्थ नो कप्पइ दुण्हं निग्गं-18/ विधिः थाणं दुण्हं निग्गंथीण य एगयओ चिट्ठित्तए ४, अत्थि य इत्थ केइ पंचमे खुड्डए वा खुड्डियाइ वा अन्नेसिं वा संलोए सपडिदुवारे एव ण्हं कप्पइ एगयओ चिट्टित्तए ॥ ३८॥ वासावासं पज्जोसवियस्स निग्गंथस्स गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठस्स निगि-15 झिय २ वुट्टिकाए निवइजा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा अहे विय-15॥ ७५ ॥ डगिहंसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए, तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स एगाए य अगारीए एगयओ चिट्ठित्तए, एवं चउभंगी, अत्थि णं इत्थ केइ पंचमए थेरे Jan Education Intemanoma For Private Personel Use Only
SR No.600077
Book TitleKalpasutram Barsasutram Sachitram
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorMeghsuriji
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1933
Total Pages218
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy