SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 156
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कल्प बारसा स्वरूप वाएइ, थेरे अजवियत्ते भारद्दाए गुत्तेणं पंच समणसयाइं वाएइ, थेरे अजसुहम्मे । स्थविराव० अग्गिवेसायणे गुत्तेणं पंच समणसयाइं वाएइ, थेरे मंडियपुत्ते वासिटे गुत्तेणं अडुट्ठाई । ११ गणसमणसयाइं वाएइ, थेरे मोरिअपुत्ते कासवे गुत्तेणं अछुट्टाइं समसयाई वाएइ, थेरे अकं धराणां |पिए गोयमे गुत्तेणं-थेरे अयलभाया हारिआयणे गुत्तेणं, पत्तेयं एते दुण्णिवि थेरा तिण्णि 5 तिण्णि समणसयाई वाएंति, थेरे अज्जमेइज्जे-थेरे अज्जपभासे, एए दुण्णिवि थेरा कोडिन्ना-18 गुत्तेणं तिण्णि तिण्णि समणसयाई वाएंति । से तेणटेणं अज्जो ! एवं वुच्चइ-समणस्स: भगवओ महावीरस्स नव गणा, इक्कारस गणहरा हुत्था ॥ ३॥ सवेऽवि णं एते समणस्स है भगवओ महावीरस्स एक्कारसवि गणहरा दुवालसंगिणो चउदसपुविणो समत्तगणिपिडगधारगा रायगिहे नगरे मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं कालगया जाव सवदुक्खप्पहीणा ॥ थेरे इंदभई थेरे अजसहम्मे य सिद्धिगए महावीरे पच्छा दुण्णिवि थेरा परिनिया, जे इमे अज्जत्ताए समणा निग्गंथा विहरंति एए णं सवे अजसुहम्मस्स अणगारस्स आव १ गोयमसगुत्तेणं (क० कि०, क० सु०)। २ इक्कारस (क० कि०, क० सु०)। Jain Education Intern For Private & Personel Use Only W ww.jainelibrary.org
SR No.600077
Book TitleKalpasutram Barsasutram Sachitram
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorMeghsuriji
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1933
Total Pages218
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy