SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 189
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ AA भावधर्मपञ्चाशक प्रमाणा-' नामकारादिक्रमः चूर्णिः परि.१ GGESNESCENERGC गाथाद्याद्यशः पृष्टांका निर्दिष्टानिर्दिष्टस्थलानि | गाथाद्याद्यंशः पृष्टांका निर्दिष्टानिर्दिष्टस्थलानि कयपोसहो न अप्पडिलेहियं ११० (श्रा०प्र०टी०, पृ०१७७)। | काऊण गंठिभेयं १५ (नव०प्र० गा०१४) कयसामाइएण ९४ (आव० चू०भा०२, पृ०३००) काऊण चोरियाओ वच्चइ ६४ ( कयसामाइओ सो ९५ (श्रा०प्र० गा० २४३) काऊण तक्खणं चिय ९८, १०५ (श्रा०प्र० गा० ३१७) करकयविकत्तणं कंडुपायणं ६५ ( | काऊणमणेगाइं १५६ (आव० नि० ८३९) करेमि भंते ! पोसहं १०४ ( का य रई परदारे १ ( करेमि भंते ! सामाइयं ९४, १०४ (आव० चू०भा०२, पृ०२९९) | कालम्मि अणाईए जिवाण १०८ ( कलमोयणो य पयसा १२९ (व्य० उ० १० गा० ४५०)| कालंमि वट्टमाणे अईयकाले ११३ (आव० चू०भा०२, पृ०३०६) कहकहकहस्स १३८ (बृह० गा० १३०५) काले दिन्नस्स पहेणयस्स १११ (आव० चू०भा०२, पृ०३०६) कंखा अन्नोन्नदंसण ४६ (श्रा० प्र० गा०८७) किर सो सावगो मेहुणमेव ७५ ( कंदप्पदेवकिब्बिस (बृह० गा० १३०२) | किह नासेज अगिओ १२९ (व्य० उ० १० गा० ४२४) कंदप्पाइ उवेच्चा (नव० प्र० गा० ९०) किं पुण अणगारसहाय १३३ (व्य० उ०१० गा०५२०) कंदप्पे कुक्कुइए १३८ (बृह० गा० १३०४) कुक्कुडिअंडगमेतं ६३ (ओघ० भा० २७९) | काउं चेइयपूर्व ) कुणमाणो विय किरियं ४ (आचा०नि० २१९) %E5AECORK Jain Educatio n al For Private & Personel Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600057
Book TitleAdya Panchashaka Curni
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorYashodevsuri
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1952
Total Pages218
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy