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श्रीवीतरागाय नमः।
श्रीमद्-आचार्यप्रवर वसुविंदु-अपरनाम
जयसेनविरचित प्रतिष्ठापाठ। भाषाटीका सहित
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जिसको शोलापुरनिवासी श्रेष्ठिवर्य दोशी हीराचंद नेमचंदने
अपने ज्ञानावरणी कर्मक्षयार्थ
प्रकाशित किया।
भाद्रपद श्रीवीरनिर्वाण, सं० २४५२. wwwwwwwwwww
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