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अञ्जन प्र. करप
॥२॥
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मांगलिक :
प्रणम्य श्रीमहावीरं, लब्धसामग्रीसंयुताम् ।
जिनबिम्बस्य प्रतिष्ठापूजां वक्ष्ये विधानतः ॥ १ ॥ श्री महावीरस्वामी परमात्माने नमस्कार करीने प्राप्त थयेलो सामग्री सहित श्री जिनबिंबनी प्रतिष्ठापूजाने विधिपूर्वक कहीश. प्रतिष्ठा करनार श्रावकनुं लक्षण :
विनीत, बुद्धिमान् , प्रीतिवाळो, न्यायोपार्जित धनवाळो, चारित्रशील, द्रव्य-क्षेत्र-काळ-भावनो ख्याल राखनारो, माया-ममता रहित, शुद्ध मनवालो, श्रद्धालु श्रावक त्रैलोक्यपूज्य जिनविबनी प्रतिष्ठा करवानी योग्यतावाळो छे. ॥ २ ॥३॥ प्रतिष्ठा करावनार आचार्यन लक्षण :
दर्शन-ज्ञान-चारित्र संपन्न, निष्परिग्रही, प्राज्ञ, प्रश्न-उत्तर-जाणनार, उपशमयुक्त, महा प्रभावक आचार्य प्रतिष्ठा कराववानी योग्यता धरावे छे.॥४॥
जे चारित्रशील माणसे न्यायोपार्जित स्वद्रव्यथी मोक्षना ध्येयथी जिनप्रतिमा करावेल छे ते महानुभाव देव-देवेन्द्रो
॥२॥
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