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अञ्जन
प्र. कल्प
॥३२॥
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सिंहासनादिक पूजन विवोपरि वासक्षेप वासक्षेपयुतदूधथी सर्वागविलेपन
सदुग्ध कलशस्थापन
कलशमां विबस्थापन
बिंच उपर वासक्षेप
मातृकान्यास
बिंब उपर वासक्षेप
कर्गोपदेश मंत्र
वासक्षेप
आशीर्वचन
चौद स्वप्नदर्शन
देववंदन
पार्श्वजिन कलश
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७३ | सप्तम दिनविधि७३ जन्मकल्याणकविधि
७३ आत्मरक्षा
७३ शुचिकरण
७३
सकलीकरण
७४ बलिबाकुळा
७४
७६
वित्रोपरि कुसुमांजलि
विघ्नोवासन
७७ जलाच्छोटन
७८ कवचकरण
दिग्बंधन
सप्तधान्यवृष्टि
अंबिकानी पूजा
जिनजन्मविधान
७७
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७८
७८
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७९
७९
७९
७९ जवनीमाला
जलदर्शन
८०
८०
८०
८०
८०
दिक्कुमारिका महोत्सव
केलीधररचना
रक्षापोटली बंधन
अरीठानीमालास्थापन
८०
८१
८१
८१
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इन्द्राणी महोत्सव
प्रभुजीने तिलक
शक्र सिंहासन कंपन
सुघोषा घंटा वादन
मेरु पर्वत उपर गमन
मेरु पर्वत उपर २५० अभिषेक
सौधर्मेन्द्रनो अभिषेक
अष्ट प्रकारी पूजा
८२
८५
८५
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८७
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