________________
अञ्जन
अर्कादिगण:--
प्र.कल्प
आम्र पियाल
महवक अजकर्णी
॥२४२॥
अलर्क
तिंदुक
क्षुवक
विशल्या भारंगी ज्योतिष्मती
अजमो
कटभी
कपित्थपत्री नदीकान्त काकमाची
आवसु केशमुष्टि
अतिविषा मुस्तादिगण:-- जीरक अंबष्ठा उपकुंचिका
नंदी कृष्णजीरक कच्छुरा
अंबष्ठादिगण अजमोद
भल्लातक चव्य
न्यग्रोधादिगण:प्रियंग्वादिगणः- वट पुष्करपत्री पिप्पल मञ्जिष्ठा उदुम्बर शाल्मकि मोचरस राजजम्बू मुनन्दा
काकजम्बू धातकी कपीतन
एलादिगण:-- तुरष्क वालक नेत्रवालक अधःपुष्पी क्षेमक त्वचा तमालपत्र
श्वेतकटभी
इंगुदी सुरसादिगणः--
सुरसा श्वेतसुरसा फणिञ्जक कृष्णकुबेर
GEOGRESERECORRECRA
जम्बू
निर्गुण्डी मुष्ककादिगण:
थोयेयक
मुष्कक
वत्सकादिगण:--
नख श्रीवेष्ट
||॥२४२॥
Jain Education
a
l
For Private & Personal Use Only
Slainelibrary.org