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अञ्जन
प्र. कल्प
॥२३९॥
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पिप्पलीमूल सैन्धव
सौवर्चल
कृष्णसौवर्चल
विडलवण
पाक्यलवण
समुद्रलवण
यवक्षार
रोमक स्वर्जिका
वचा
एला
क्षुद्रेला
बृहदेल
त्रुटि महात्रुटि
सर्पप
आसुरी
कृष्ण सप कुम्भादिगण:
त्रिवीज
मालविनी
त्रिफला
स्नुही
शङ्खपुष्पी
नीलिनी
रोध
बृहद्रोध
कृतमाल कम्पिल्लक
स्वर्णक्षी
कुष्ठादिगण:
कुष्ठ
बिल्व
काश्मरी
अरणी
अरणिका
पाटला
कुबेराक्षी
सेनाक
कण्टकारिका
क्षुद्रकण्टकारिका
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शालीपर्णी अपामर्ग त्रिकटु
पृश्निपर्णी
गोक्षारु
नागकेशर
देवदारु
रास्ना
यत्र
शतपुष्पी
कुलत्थ
माक्षिक
पौक्षिक
क्षौद्र
सित्थुक
शर्करा
त्वक्
पत्र
हरिद्रा
राल
दारुहरिद्रा
श्रीखण्ड
शोभाञ्जन
रक्तशोभाञ्जन
मधुशोभाञ्जन
मधूक
वेल्लादिगण:- रसाञ्जन
॥२३९॥
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