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तत्थ नो कप्पइ दुह्न य निग्गंथाणं एगाए य निग्गंथीए एगयओ चिद्वित्तए, तत्थ नो कप्पइ दुह्न य निग्गंथाणं दुल य निग्गंथीणं एगयओ चिट्ठित्तए । अस्थि या इत्थ केति पंचमे खुड्ड-खुड्डियाए वा अन्नेसि वा संलोए सपडिदुवारे एवण्हं कप्पइ एगयओ चिद्वित्तए ।२५६। __वासावासं पज्जोसवियस्स निग्गंथस्स गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठस्स निगिज्झिय २ वुट्टिकाए निवइज्जा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा उवागच्छित्तए, तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स एगाए य अगारीए एगयओ चिट्ठित्तए, एवं चउभंगो। अत्थि या इत्थ केति पंचमए थेरा वा थेरिया वा अन्नेसि वा संलोए सपडिदुवारे एवं कप्पइ एगयओ चिट्ठित्तए ॥२६०॥
कल्पसूत्र ३३८
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