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* बन्दे जिनवरम् * GC हितैषी औषधालय-इटावाकी
॥ पवित्र सस्ती दवाइयां ॥
॥ धातु सज्जीवन सत. ॥ इस दवा के सेवन करने से स्वप्न में तथा विना कारण धातु का गिरना, किसो वातका याद न रहना, नेत्रों के आगे अन्धकार, सिरमें दर्द, हाथ पैरों में जलन, भोजन में अरुचि, खफीफ बुखार का रहना, कब्जी सुस्ती आदि सम्पूर्ण विकार दर होकर बदन में ताकत आती तथा दिमाग में तरावट नेत्रों की ज्योति बठाती और शरीर हृष्ट पुष्ट हो जाता है । की० फी वक्स १) तीन वक्स २॥) छ: वक्स ५) बारह १०) डॉ० अ०
नपुंसकत्वारि तैल ॥ इस को इन्द्री पर लगाने से इन्द्री की नपुंसकता सुस्ती टेठापन हथरस का दोष और सुहबतका न होना या हो कर जल्द मिट जाना धातुक्षीण आदि इन्द्री सम्बन्धी सर्व रोग फौरन दूर होजाते हैं । हजारो दफा आजमाया हुआ है कीमत १) डांकखर्च अ०
स्तम्भन वटी॥ यथा नाम तथा गुणः ये दवा हमने बडे परिश्रम से अधिक खर्च कर बनाई है। की० ।) शी० दर्जन शा)
दन्त कुसुमाकर. _इस मंजन से दांतका हिलना, मसूडों का फूलना, कीडे का लगना, टीस आदि दांतों के सर्व रोग दूर होजाते हैं और दांत वज्र समान मजबूत रहते तथा मोती समान चमकते लगते हैं. रोज लगाने से बूढापेमें कोई तकलीफ नहीं होती है दांत बहुत जल्द नहीं गिरते हैं और दांतो की बीमारी वास नहीं आति है की डिब्बी। ) दर्जन २)