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________________ दिगंबर जैन । (२२) ५२ मुभौम चरित्र-मचंद्रकृत ५०४६ ( यह दिगम्बर जैन गुजराती ग्रंथेद्ध । फंडसे सर्ग ७ (यह भी प्रशश योग्य है) प्रगट योग्य है। ५३ शोधर चरित्र सोमकीर्ति लि० १६५३ ९५ आदिपुराण मिनदासकृत प० १५१ ५४ यही . . ९० ३३ ९६ रामायण निन्दा कम ५९ यशोधर चरित्र बादिरा न ५० १९.१००-यशोधरचरित्र देवेन्द्रका (यह प्रगट योग्य है ) १०३ वर्मविपाक जिनदासकृत . ५६ हरिवंशपुराण जिनदास लि० सं० १०४ सिद्धांत चौपाई ५० १० १६९६, १०५ ध्यानामृत रास ५० ३० इसमें वेप्टर नं. ८ . ध्यान।। अच्छा वर्णन है। ५७ पद्मचरित्र (मराण) चंद्रकीर्ति कृत १०८ और १११-द्रव्यसंग्रह गुजराती गाख्या ५० ४९५ लि० सं० १७४९ (रह भी प्रगट पर्वत धर्मार्थीकन प० २७ नहीं है ) १०६ कर्मप्रकृति प० २७ १८ उत्तर पुराण गुणभद्र शुद्ध लि. प. ३६७ १०९ स्तुभाषित कोश ५०१८ । १९ ईमान काव्य असग — ५० १५६ . (ये सक प्रगट योग्य हैं) ___ नं. १४से १७ वेष्टनों में हिंदी के ग्रंथ है६० मेघदूतपर नेमिचरित्र-काव्य मेरु नीचे जानने योग्य हैं नं० ११३से १३३ तक तुंग कृत ४ सर्गप०८ (यह भी प्रगट योग्य है) नं० १११ गुणस्थान चर्चा आदि ५० १० ६१ भद्रबाहुचरित्र रत्ननंदिकृत . ११५ इष्टोपदेश टीका संघी पन्नालाल .. ६२ रोहतीन कथा ११७ चर्चा प०९ वेष्टन नं. ९ और १० में नं०६३ से ८४११८ बनारसी विलास ५० १०८ तक संस्कृत पूजन व विधान हैं जिसमें जानने १९२ चारों गतिपर उदय बंध सत्ता ५०५ योग्य नं० ७१ त्रीस चौवीसी पूमा विद्याभूषण १२६ उपयोगी गुरु शिष्य प्रश्न ५० ४९ कृत प. १९२ लि. १६७० है ० ७२ ' अपूर्ण में जैन गायत्री व जैन संध्याके मन्त्र हैं नं०७४ न० १८ वेष्टनमें नं० १३४ मराठी भाषाका में पंचप मेष्ठ पूना प० २४ बहुत मनोज्ञ हैं। पद्मपुराण-गुणकीर्ति आचार्य का प०१५८ हर्ग प्रकाश योग है। .नं. ११-१२-१३ वेष्टनमें प्रत्र नं ८९ नं० १३५ मराठी रत्नत्रय व इतवार कथा से ११२ तक गुदराती भाषाके ग्रन्थ बालबोध ब्र. महतीसागकृत है। प०८ व नं. १३६ में लिपिमें हैं। जानने योग्य न.चे लिखित हैं- मराठी में मंगलाचरण है। प० २ . नं० ८६ धर्मपरीक्षारास सुमतकीर्ति वेष्टन न० १९से १२ तक ग्रन्थ न० १३७ कत १० १०५ रचा सं. १६२५ महवामें से १८६ तक अन अन्य वैद्य ज्योतिष
SR No.543187
Book TitleDigambar Jain 1923 Varsh 16 Ank 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kisandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1923
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Digambar Jain, & India
File Size10 MB
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