SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 169
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ANDOOROID तैय्यार हो रहा है? आर्डर भेजिए! एक मासमें प्रकट होगा ! जो आजतक नहीं प्रकट हुआ था और जिसके लिए सभी जैनों वर्षोंसे टकटकी लगाये बैठे थे वही __बड़ाभारी हिन्दी नवीन ग्रन्थश्री श्रेणिक महाराजका * बृहत् जीवनचरित्र । बड़ा भारी खर्चा लगाकर पं. गजाधरलाल जैन शास्त्री द्वारा सरल भाषामें नवीन हिन्दी टीका लिखवाकर जो एक वर्ष हुए हम छपा रहे थे अब तय्यार होने आया है और एक मासमें प्रकट होगा। पुस्तकाकार-बहुत ऊंचे चिकने काग़ज़-उत्तम छपाईकपड़ेकी खुबसूरत पक्की जिल्द और पृष्ठ संख्या ४०० होनेपर भी मूल्य सिर्फ रु. १-१२-० डांकव्यय अलग। ____ इस नामी ग्रन्थकी कथा इतनी रोचक है कि जितनी प्रतें तय्यार कराई गई हैं वह देखते२ बिक जानेकी संभावना है, इस लिये शीघ्रता किजिए और यह महान हिन्दी ग्रन्थ मँगानेका आर्डर भेजिए वरन् पछताना होगा। __मँगानेका पतामैनेजर-दिगंबर जैन पुस्तकालय-सूरत । Surat. CAKCIRONARDARO
SR No.543085
Book TitleDigambar Jain 1915 Varsh 08 Ank 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kisandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1915
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Digambar Jain, & India
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy