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सो लेणी- देणी नहीं। फसविंदरामा जुहारने जावे जद मांडावाला
जानिया और जानणियांने खुट दिठ टको या नालेर देवे। .... (क) तीर पाली, पग पड़णो, भाणे वेठणो, गोरवनेतरणो, दकरिया ... मेजणा और भात देखणने जावणो बंद कर दिया गया है । (छ) जानीवासे हांती, सिंदोरारा जिमणरी १ मण पक्की मेन देवें. तथा
जानी वासे भाणा भेजणरी प्रथा है सो शेर १५ पकासु ज्यादा । भेजे नहीं और दोई पक्षांरा सगा गिनायतारा भाणा भेजावणरो
रिवाज है सो खास कारण वगर भेनावणा नहीं। (1) ममिलारे डेरे हांति सिंदोरारा जिमण महेिसुं मण मादा सुं ज्यादा ... मेजबी नहीं।
ठहराव १ मो. ... पंचोंने इकठा कियां विना और पांनो मंडाया वगैर पहरावणी मांडावाला पोतारी मरजी मुजब सगा गिनायतारे साथ जेवर, रोकड़, बर्तन और कपड़ो बगैर: जानीवासे पुगाए देसी। जानवालों ने सीख विदाय भी पोतारी मर्जी माफिक देवे ।
ठहराव १० मो. मांडावालोरी इच्छा उपरांत जान में मिनख लावणा नहीं और अन्य कोमरा मिल हो सके जातक कम लावणरी कोशिश राखणी । गाडियारो भाडो साविक दस्तूर कायम राखियो है ।
ठहराव ११ मो.. वर राजा हमेशा जानरे साथ जीमलेवे और उण बकरी कमिणोरी थाली भरणी नहीं ।
ठहराव १२ मो. जो जानोसी पंचोरी रजासुं हुवोड़ी होने सो उप जानवालो कनासु संघ