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________________ सकलवांदिडत दातारं मोक्षेदातारं विनविनेतारं श्री नेमिनाथजिनेश्वरं नमामः परमोफस्यश्री आत्म - कमल - वीर - दान - प्रेम - रामचन्द्र - मुक्तिचन्द्र - महोदय - जयकुंजर - मुक्तिप्रभसूरि - सद्गुरुभ्यो नमः दक्षिणना गिरनारशा श्री गोकाक नगरनी धन्यधरा परः |अंजनशलाका - प्रतिष्ठा - महामहोत्सव यद कुलतिलक देवाधिदेव श्री नेमिनाथ स्वामीना भव्य प्राचिन ४५" प्रतिमानी नवनिर्मित जिप्रासादमां प्रतिष्ठा अने श्री वासुपूज्य स्वामी आदि नूतन जिनबिंबोनी अंजनशलाका ना भव्य महोत्सवमां भारतभरना श्री संघोने सादर निमंत्रण साथे पोताना नूतन जिनबिंबोनी अंजनशलाका माटे पधराववा सबहुमान विनंति छ । * धर्म प्रभावक साम्राज्य *जैन शासनना ज्योतिर्धर सकल संघ हितचिंतक महाराष्ट्र देशोद्धारक ___संघ स्थवीर परमाराध्यपाद परमगुरुदेव आचार्यदेवेश श्रीमद विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा साहेब * पावन निश्रा * पूज्यपाद प्रसिद्ध प्रवचनकार आचार्यदेव श्रीमद विजय श्रेयांसप्रभसूरीश्वरजी महाराजा -* मंगल प्रसंग *___ वैक्रमीय संवत् २०५७ चैत्र कृष्णा १३ थी वैशाख सुद ७ शनिवार थी सोमवार ता. २१-४-२००१ थी ३०-४-२००१ * नम्र सूचन * अंजनशलाकामां पधारववाना प्रतिमाजी चैत्र वद १० ता. १८ अप्रिल २००१ सुधीमां पधरावी जवा अने वैशाख सुद १० सुधीमां बहुमान पूर्वक आपना स्थाने पधाराववा लई जवा विनंती । * निमंत्रक * श्री नेमिनाथ जैन श्वे. म. संघ - गोकाक (कर्णाटक) - ५९१३०७. टेलीफोन : C/o. शा. पुनमचंद नवाजी - २५१४६ - २६७४६ baba
SR No.537263
Book TitleJain Shasan 2000 2001 Book 13 Ank 01 to 25
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremchand Meghji Gudhka, Hemendrakumar Mansukhlal Shah, Sureshchandra Kirchand Sheth, Panachand Pada
PublisherMahavir Shasan Prkashan Mandir
Publication Year2000
Total Pages298
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shasan, & India
File Size18 MB
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