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________________ ܘܐܐ जैन कोनफरन्स हरैल्ड. [जून. जैन बंधु तरफनुं तेओनुं सगपण सौथी वधारे छे. आपणे काइ पण अवी गोठवण करवी जोइए के जेथी जैन कोममां नीराधारोनी हस्तीज नहीं होय. ईगलंडमां एक. वखत एवो हतो के त्यां भीखारीओनां टोळेटोळां रखडतां हतां पण ते पछी सरकारे ज्यारथी जाहेर फंड उघाडी भीखारीओने भीख मांगतां अटकाववानो कायदो बांध्यो त्यारथी ईगलंडमां भीखारीओ तदन गुम थइ गया छ. आपणे आपणा पेट तो भरीये तेमां कांइ नवाइ नथी. पण ज्यारे आपणां स्वधर्मी बंधुओमांना गरीबो अने नीराधारोने मदद करी तमने सहायभूत थइशुं त्यारेज व्याजबी रीते करेलु कहवाशे. पोताना धन वीगेरेनो उपयोग करतां योग्यायोग्यनो वीचार करवो घटे छे. आपणे आपणा अनाथो अने विधवाओ माटे साधननी गोठवण करवी जोइजे. आपणामां पुनर्लन नथी अने ते रीवाज आपणामां दाखल करवा पण मागता नथी तो विधवाओ माटे आपणे काइ खास गोठवण करवानी जरूर छे अने आपणा मोहोटा मील मालेको अने शेठीयाओनी तेम करवानी पहेली फरज छे. खानगो मदद आपवाने बदले तेने माटे एक जाहेर फंड उघाडवू जोइए छे. केटलाको आपणने “नाना जीवने पाळनार अने मोहोटो जीवने मारनार " एम. कही आपणी मश्करी करेछे ते आवी कांइ गोठवण करी बंध करवू जोइए छे.. लाला चीरंजीलाल नुं भाषण. ___ ओ निर्धनता ! तारुं सत्यनाश जजो. जे घरमां निर्धनतानो वास थयो तेनुं सर्व सुख तेनी साथे गयुं छे. एक पती अने पत्नी एक बीजाने गमे तेटलां चाहतां होय तोपण मात्र मुफलेसीने लीधे एक बीजाने तजी दे छे. घणाओ गरीबीने लीधे आपघात करे छे. एवी- मुफलेसीमां सपडावानो कोई पण माणसने माटे संभव छे. एवा घणाओ छे के जेओने चार चार दिवसो सुधी खावानुं मळतुं नथो. छपनना दुष्ट दुकाळमां दुकाळीयांओनी जे छबीओ लेवामां आवी छे ते जोईने छाती फाटी जाय छे. जे माता पोतानां बाळकने एक घडीभर पण छुटुं मुकवाने खुशी होती नथी ते माताओए मात्र एक रोटलीने खातर पोताना वहालां बचांओने अन्य धर्मीओने वेची नांख्यां छे. एक घरमां एक बीछाना उपर बाप मांदो पडयो छे, बीजी बाजु मा मरी गयली पडी छे अने बाळको पोतानी माताने जविती जाणीने स्तन मोहडामां पकडीने धावण मेळववा मथे छे एवा देखावो घणा नजरे जोया छे. आ बनावो शु जैन भाईओनी लागणी उश्केरवाने माटे बस नथी ? जेओ शरमने मारे काम करवाने शरमाय छे तेओ आवी जातनी पीडाओथी पीडाई पीडाईने अंते प्राण छोडीने चाल्यां जाय छे. मारी कहेवानी मतलब तो एटलीज छे के एक पण जैन पछी ते श्वेतांबर होय, दीगंबर होय के साधु मार्गी होय पण ते भीखारी नहीं होवो जोईए. घणी कोमोमां भीखारी छे पण जैन कोममां भीखारी वर्ग नथी परंतु एवी सेंकडो वीधवाओछे के जेओ पोतानी खानदानयत जाळवीने दुःखी जिंदगी पण निभावी ले छे. मरदो आ दुख समजवाने अशक्त छे कारण के तेओ तो पोतानी पत्नी मरण पामवाने बीजेज दिवसे परणे छे. विधवाओना दुःखनुं पुरु वर्णन आपवाने हुं तदन अशक्त छु कारणके. ते दुःख. असह्य छे. आवी विधवाओ अने मरी गयलां
SR No.536501
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1905 Book 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1905
Total Pages452
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size13 MB
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