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________________ 11.१-१२-१८20. न यु. [ मान्यतापत्र माटेनी मांगणी करनार पत्र ] स्थळ तारीख श्री जैन श्वेतांबर कॉन्फरन्स. कॉन्फरन्स केळवणी प्रचार केन्द्रस्थ समितिना मंत्री योग्य. मा० मुंबई. मुल महाशय, वि० आपनी केळवणी प्रचारने लगती योजनाना बंधारण मुजब अमे अहिं एक स्थानिक समिति उभी करो छे. अमागे आशय प्रस्तुत योजनामां सुचवेल केळवणीना प्रदेश संबंधमां अहिंनी स्थानिक जरुरीयातोने पहाची वळवानो छे. अमे आपना सर्व धाग-धोरण यांच्या छे अने तेने आधीन रहीने अमारी समितिनुं काम चलावबाने बंधाईग छीए. ___आ साथे अमारो समितिना अधिकारीओ तेमज सभ्योना नाम- लीस्ट मोकन्युं छे. आशा छे के आप अमारी समितिने केन्द्रस्थ समिति पासे मान्य करावीने अमने मान्यता पत्र मोकली आपवा कृपा करशो. लि. सेवक, मंत्री, श्री कॉन्फरन्स केळवणी प्रचार स्थानिक समिति. [ वार्षिक मदद माटेनी मांगणी करनार पत्र. ] स्थळ तारीखश्री जैन श्वेतांवर कॉन्फरन्म. श्री कॉन्फरन्स केळवणी प्रचार केन्द्रस्थ समितिना मंत्री योग्य, मा. मुंबई. मुज्ञ महाशय, वि० आ साथै आफ्नो प्रभावलीना विगतवार जवाबो अहिंनी सर्व परिस्थितिनी योग्य तपास करीने तैयार करवामां आव्या छ ने हुं मोकल लु ते उपरथी आपने मालुम पडशे के अहिंनी स्थानिक जरुरीयातोने पहोंची वळवा माटे वार्षिक रु. जोईए तेमाथी अमे अहिं खाते रु. एकठा करी शकीय तेम छोए नेथी आप आपनी केन्द्रम्थ समिति तरफथी रु. "नी वार्षिक मददनी अमारी मांगणी स्वीकारवा कृपा करशो. लि. सेवक, मंत्री, कॉन्फरन्स केळवणी प्रचार स्थानिक समिति.
SR No.536277
Book TitleJain Yug 1937
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Dipchand Chokshi
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1937
Total Pages78
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Yug, & India
File Size7 MB
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