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________________ १२ જૈન યુગ ता. १-८-३४ प्रांतिक समितिओंकी रचनाके लिए सूचनाएं. (कॉन्फरंस ऑफिस.) कॉन्फरन्सका कार्य विशेष प्रगतिमान बने और हर जगहपर इस रखते सब कार्योको कर और तरस बंधी कार्यवाही ममिति की महासंस्था की प्रवृत्ति, आवश्यक्ता, उपयोगिता के संबन्ध में जानकारी अनुमति प्राप्त कर. हांसिल हो तथा कॉन्फरंस समग्र जैन समाजका संगठन कर प्रगति कर (२) अपने विभागमें स्थानिक समितियों की स्थापना करें. सके इस हेतुसे बंधारण कलम १३ अनुसार प्रत्येक विभागमें प्रांतिक (३) जहां आवश्यक हो वहां शिक्षण संस्थाओंकी स्थापना करनेसमितिओंकी स्थापना करना आवश्यक है. इसलिए: करानमें सहायता करना. बालक-बालिकाओंको शिक्षणकार्यमें २. प्रत्येक नियुक्त किये गये प्रांतिक मंत्री अपने विभागकी प्रांतिक यथाशक्य सहायता करना. समिति स्थापित करनेके लिए शिघ्र प्रबंध करें. (४) शिक्षणको आवश्यक्ता, कुप्रथाएं दुर करना, संगठन आदि ३. कॉन्फरन्सकी अखिल भार बाबतों के लिए व्याख्यानों तीय स्थायी समितिमे जो स्टेन्डिग कमिटीक सभासदो को- की योजना करना. सभासद उस प्रांतक हों १. इस पत्र के ततिय वर्षका आखरी (1) धार्मिक खातों के हिसाबों उनको सभासद गिनना. की पुष्यवस्था, पाठशालाएं, जा चुका है अव नवीन वर्ष प्रारम्भ होता है. नियतदुपरांत अपने प्रांतकी लाईबंगयां बढाना तथा वस्तीके प्रमाणमें बनसके मानुसर यह पत्र स्टे. कमिटीके सभ्योंको विना मूल्य उनकी मुब्यवस्थाके लिए उतने आवश्यक सभ्य भेजा जायगा. आवश्यक कार्य करना. उसमें बडाना, २. गत अधिवेशनमें जो महाशय स्टैंडिंग कमिटी के (६) व्यायाम शाळा तथा स्वयं४.(क) स्थायी समितिके सभ्य | सभ्य चुंटे नहीं गये हैं उन्हें गत तृतिय बर्षके सब सेवक दळ बनवाना. (ख) प्रांतके गामोंमेसे प्र. अंक भेजे जा चुके हैं. अब नबीन चतुर्थ वर्षके अंक तिनिधि (ग) स्थानिक मूल्य मिले बिना भेजे नहीं जा सकते अतः पत्रका (७) मुकृत भण्डार फण्ड वसूल वार्षिक मूल्य रु. २) भेज अपना सहकार चालु रख. लेने के लिए प्रबन्ध करना. सभ्य. समितिक सभास.| ३. इस वषम जो सभ्य तरीके चालु हैं उनके सिवाय नोटः ईस फंड पर ही दों के पास से प्रांत को नये नूटे हुए सभासद अपना सुकृत भंडार फंडका प्रांतिक समिति, अनुकल हो तदनुसार मुकृत चंदा कमसे कम रु. ५) शिघ्र भेज दे उक्त चंदा भेज मुख्य कार्यालय, भंडार फंड' की रकम निनेकी निश्चित मुदत बीतनेपर, यदि चंदा नहीं मिला और एज्युकेशन वित कर नियमित इका होगा तो का. समिति को अन्य नियुक्ति करना होगा बोर्डके कायकी प्रइस तरफ सादर लक्ष खेंचनेमें आता है. गतिका करना. आधार होनेमे नियमित कॉन्फरंसकी स्थायी समि। २०, पायधुनी, ) कॉन्फरन्स कार्यालय. बबई. । सुकृत भंडार फाड तिक जो सभ्य मुख्य आ. बसल लेनके लिए फिस को अपना चंदा भेजते हों उनके लिए उपरोक्त निश्चित सगीन व्यवस्था करना आवश्यक है. रकम देना न देना उनकी ईच्छापर रहे. (८) जन श्वेतांबर एज्युकेशन बोडकी धार्मिक इनामी परिक्षाओंका ७. इस समिति की सभाएं प्रांतिक मंत्री अपने प्रांतसे संबन्ध रखते काय तथा कॉन्फरंस के प्रस्तावों के अमलके लिए सयय (Religious Competetive Examinations) पाठसमय पर बुलावे. शाळाओं के विद्यार्थी लाभ ले इसलिए बोर्डद्वारा निश्चित किया ८. इन सब कार्यों के लिए तथा मुक्त भंडार फंड की वसूलात अपने गया अभ्यासकम दाखिल कर बनसके उतने अधिक विद्यार्थी प्रांतमें से करने आदि के लिए प्रांतिक ऑफिस रखना और उपयुक्त परिक्षाओं में बिठाना, 'अभ्यासक्रम'की नकल लिखने में कॉन्फस की प्रांतिक शाखा का बोर्ड लगाना. मिल सकेगी. अपने प्रांतमे स्थानिक समितियां बनमके उतने स्थळापर (९) कॉन्फरसके मुखपत्र 'जैन युग' के ग्राहक बढाना तथा कॉन्फरंस्थापीत करना और उपके द्वारा कान्फमके कामको प्रगतिमान् सके प्रकाशन (प्रकट की गई पुस्तकों की विक्री के लिए योग्य बनाना. करना. 10. कामकाज. ५. (१) इस प्रकार जो प्रांतिक समितियां बनाइ जाय व सामान्यतः मानएल्य य और शापार अपने प्रनय ताल्लक जन *वेतांबर कॉन्फरंस. । ०. पायधनी. नंबई, .. । कॉन्फरंस कार्यालय
SR No.536274
Book TitleJain Yug 1934
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Dalichand Desai
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1934
Total Pages178
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Yug, & India
File Size20 MB
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