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गुजरात के संग्रहालयों में संगृहीत प्राचीन गुजरात में प्रचलित सिक्के
रेनू लाल*
प्रकृति और वसाहत की प्रक्रिया का चिर- पुरातन काल से प्रगाढ़ सम्बन्ध रहा है। प्रकृति ने मानव को उसकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करके अपनी ओर आकर्षित किया। इसी प्रक्रिया में जनोपयोगी प्राकृतिक साधनों के निकट नगर बसे और समय के काल-चक्र में विध्वंसित होते चले गये । पुरातत्त्वविद्या के विकास के साथ | साथ जब हम उत्खनन द्वारा कालग्रसित नगरों की शोध करते हैं तो वहाँ से बहुत सी पुरातात्त्विक सामग्री उपलब्ध होती है। इसी तरह सर्वेक्षण द्वारा भी सामग्री उपलब्ध होती है और तब समस्या उत्पन्न होती है इन उपलब्ध ऐतिहासिक साक्ष्यों के संग्रह, संरक्षण और प्रदर्शन की वैश्विक संदर्भ में देखें तो हेलिनिस्टिक काल के अंत के बाद रोम के सेनापतियों ने ग्रीस का भ्रमण कर डाला और वहाँ से जो कुछ भी कलात्मक या अच्छा मिला उठा कर ले गये। बाद में उन लोगों ने उसे पब्लिक मैदानों या प्राइवेट घरों में रखा । इस प्रकार से संग्रह करने की आदत की शुरूआत हुई और शायद इसी के बाद से संग्रहालय का विचार उत्पन्न हुआ होगा जहाँ पर इन कलात्मक वस्तुओं का संग्रह किया जा सके ।
लेटिन शब्द Museum ग्रीक शब्द Musion से उद्भूत हुआ है जिसका अर्थ है Muses नामक देवी को अर्पित मंदिर । ग्रीक परम्परा में 'Muscs' कला और विज्ञान की नौ देवियाँ हैं। कला और विज्ञान की देवियों को अर्पित कलात्मक संग्रहों के इन मंदिरों को 'संग्रहालय' की संज्ञा प्रदान की गयी ।
विश्व का प्राचीनतम संग्रहालय 3rd C.B.C का Egypt के अलेक्जान्ड्रिया शहर में पाया गया, जिसमें चार लाख हस्तप्रतों का संग्रह था । आधुनिक काल का प्रथम संग्रहालय आशमोलियत म्यूज़ियम है, जिसकी स्थापना १६८२ A.D. में इंग्लैण्ड के ऑक्सफोर्ड नामक नगर में हुई थी। इसके बाद तो सम्पूर्ण विश्व में संग्रहालयों की एक लहर - सी दौड़ पड़ी। भारत भी इस दौड़ में पीछे न रहा । भारत में कलकत्ता में ई. सन् १८१४ में 'ओरियन्टल म्यूज़ियम ऑफ एशियाटिक सोसायटी' की स्थापना हुई। इसे ही भारत का प्रथम संग्रहालय माना जा सकता है । इसके बाद तो लार्ड कर्जन और सर जॉन मार्शल के समय मे तो नयी-नयी शोधो के साथ ही साथ नये-नये संग्रहालयों की स्थापना तीव्र गति से हुई। सिंधु संस्कृति के विस्तार का प्रमुख प्रदेश होने के कारण गुजरात में भी नई-नई शोधों के साथ ही साथ नये-नये संग्रहालय भी खुले । यहाँ पर स्थित सभी संग्रहालयों में 'कच्छ संग्रहालय' सर्वाधिक प्राचीन है, इसके अतिरिक्त बड़ौदा म्यूज़ियम, वाटसन म्यूज़ियम, जूनागढ़, लेडी विन संग्रहालय- धरमपुर आदि प्राचीन संग्रहालय है I
पिछले कई वर्षों से मैंने भारत के प्रमुख संग्रहालयों के साथ ही साथ गुजरात के उन सभी विशिष्ट संग्रहालयों का भ्रमण किया, जहाँ पर भी प्राचीन गुजरात में प्रचलित सिक्के संगृहीत हैं । इस श्रृंखला में बडौदा म्यूज़ियम एन्ड पिक्चर गैलेरी - बडौदा, म. स. यूनिवर्सिटी संग्रहालय- बडौदा, वाटसन संग्रहालय- राजकोट, जूनागढ संग्रहालय - जूनागढ़, बार्टन संग्रहालय - भावनगर, जूनागढ, संग्रहालय, जूनागढ़, कच्छ संग्रहालय- भुज, सरदार पटेल युनिवर्सिटी संग्रहालय- आणंद, लेडी विल्सन संग्रहालय- धरमपुर, भो. जे. विद्याभवन संग्रहालय- अहमदाबाद, ला. द. संग्रहालय- अहमदाबाद आदि उल्लेखनीय है ।
★ सीनियर फेलो, 1.C.H.R., नई दिल्ली
पहले 'फर्ग्युसन म्यूज़ियम' के नाम से जाना जाता था । राजकोट बार्टन संग्रहालय - भावनगर, जूनागढ संग्रहालय
पथि • छीपोत्सवां खोस्टो - नवे. डिसे. २००१ • ६८
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