________________
URLGIRLF4N
HTTEFFESSE TTES चिदरूप-आतमराम है।
- - चिदरूप के वह कार्य भी, चिदरूप हैं। प्रतक्ष्य कैसे दीख सके, जो दृष्टि से अदृश्य हे ?
. मातमा को चाहती है, आतमा यह देखना । . पकड़ा है जिस का हाथ, उसको क्या अरे! पहिचानना प्राण और प्राणप्रिया!, साथ में यह देह है। मोह में इसने भूलाया, यह बड़ा संदेह है / चिदरूप है चेतन मगर, देह पुद्गलरूप है।
देह के आवेश में, चेतन हुवा कदरूप है मैं कौन हूं मेरा है क्या ?, इसकी नहीं पहिचान है। तो दूर है चिदरूप से, इसकी ही खेचातान है
कहता है चेतन !, हाथ मेरा और मेरा पांव है। . नाक मेरा आंख मेरी, और मेरा कान है 5 शीर्ष और कपाल मेरा, और मेरे बाल है। भावन मेरा डाढ़ी मेरी, और मेरे गाल है ___ दांत और जबान मेरी, और मसुड़े लाल है।
होट मेरा कंठ मेरा, और मेरी नाल हैं स्तन मेरे छाती मेरी, और वह भुजबन्द है। कलाई मेरी व हथेली, और नाभि दण्ड है
पेट मेरा कमर मेरी, और मोटी जांघ है।
घुटना मेरा पिण्डी मेरी, और पग की ताल है पोंचा मेरा अंगुली मेरी, और हस्त की ताल है। चट्टी तरजनी व अनामिका, व अंगुठा नाम है - हस्तरेखा पांवरेखा, व नाखुनादि नाम है।
ऐसे अनेको देह के यह, अंग प्रतिअंग नाम है ॥१२॥ चिदरूप चेतन कौन है ? उसका कहां मुकाम है ? . नाम है जिस तत्त्व का, उसका कहां वह ठाम है?
॥१३॥ पहिचान करना इसकी पहिले, ये ही मुख्य काम है।
इसको समझ लें तो समझना, सार्थ ही सब काम है ॥१४॥ Y
( २०७ )
תכתבתכתכתבתבכתבתכחכחכתכוכתכתבתכתבובתבכתבתכתבתכתבתשתפר
॥
७
॥
A
תכתבתכתבתגוב