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विश्व उपाधि सर्व निवारक, नमस्कार होवे तुमको । रागद्वेष के मूलोच्छेदक, नमस्कार होचे तुमको ॥४॥ जगमें उत्तम मार्गप्ररूपक, नमस्कार होवे तुमको । हिंसाचक्रविदारक हो तुम, नमस्कार होवे तुमको ॥५॥ अहिंसा का साम्राज्यविस्तारक, नमस्कार होवे तुमको । यज्ञयाग के विध्वंसकारक, नमस्कार होवे तुमको ॥६॥ वेदोंके सत्य अर्थप्रकाशक, नमस्कार होवे तुमको। घनघोर तिमिर अज्ञानविदारक, नमस्कार होवे तमको ॥७॥ सिद्धारथ के नंदन प्यारे! नमस्कार होवे तमको। त्रिशला के नयनों के तारे! नमस्कार होवे तुमको ॥८॥ नंदिवर्धन भ्रात दुलारे ! नमस्कार होवे तुमको । जय जय जय वर्द्धमान वीरवर ! नमस्कार होवे तुमको ॥ ९ ॥ वर्ण अंगटे मेस कंपावक, नमस्कार होवे तमको। ईन्द्रों की शंका के निवारक, नमस्कार होवे तुमको ॥१०॥ ईद्रभूति आदि प्रतियोधक, नमस्कार होवे तुमको । चंदनवाला के उद्धारक, नमस्कार होवे तुमको ॥ ११ ॥ अर्जुनमाली जैसे के तारक, नमस्कार होवे तुमको । चंडकोषिया के उपदेशक, नमस्कार होवे तुमको ॥ १२ ॥ जग को शासनरसिक कारक, नमस्कार होवे तुमको । जगमें शान्तिके संस्थापक, नमस्कार होवे तुमको ॥ १३ ॥ हिंसावृत्ति पशुओं की निवारक, नमस्कार होवे तुमको । जनताके वैर विरोध विनाशक, नमस्कार होवे तुमको ॥ १४ ॥ महान तपस्वी समताधारक, नमस्कार होवे तुमको । 'क्षमा वीरस्य भूपणं' प्रचारक, नमस्कार होवे तुमको ॥१५॥ आतमलक्ष्मीके विस्तारक, नमस्कार होवे तुमको । आतमलक्ष्मी जगके विकाशक, नमस्कार होवे तुमको ॥ १६ ॥ भवभयभंजक भवोदधितारक, नमस्कार होवे तुमको । 'राज' राजेश्वर जगतोद्धारक, नमस्कार होवे तुमको ॥ १७ ॥
राजमल भंडारी-आगर (माळवा) (२८१ )
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