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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 0000000¤¤¤¤¤00:0000000000 थाना श्री संघ में विविध प्रकार के धर्म अनुष्ठान की धर्म लहर ¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤D:0000000000 શ્રી આત્માનંદ પ્રકાશ थाना श्री संघ में जब से परम पूज्य परमार क्षत्रियोद्धारक चारित्र चुडामणि, वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेव श्रीमद् विजयइन्द्रदिन्न सूरीश्वरजी म. सा. का जब से चातुर्मास प्रवेश हुआ तभी से श्री संघ में विविध प्रकार की तपस्या विविध प्रकार के अन्यान्य कार्यक्रम चल रहे हैं । चौमासी चउदस से सलंग सांकली अद्रुम, अड्डाई, उडे महिना उपवास मासक्षमण आदि तपस्याए श्री संघयें चल रही हैं । प्रति रविवार को मुनिश्री अरुणविजयजी म. वाल कर रहे है जिसमें ३५० से अधिक बालक बालिकाए धर्म ले रहे है । प्रतिदिन व्याख्यान में पूज्य आचार्य भगवंत श्रमण भगवान महावीर की अन्तिम देशनारूप उत्तराध्ययनसूत्र पर व्याख्यान चलता है, साथ ही विद्वान प्रवचनकार मुनिश्री अरुणविजयजी म. सा. गौत्तमपृच्छा पर प्रवचन करते है श्रोतागण अच्छी संख्या में भाग ले रहे है । For Private And Personal Use Only शिविर का आयोजन संस्कार का लाभ [ साथ-साथ अनेक मुनियों के योगोदहन भी चल रहे हैं । सेवाभावी मुनिश्री विनोद विजयजी को अन्तगड दशान सूत्र के योग मुनिश्री अरुण विजयजी म. को समवायांग सूत्र के योग मुनिश्री योगेन्द्रविजयजी म. को ज्ञाताधर्म के योग सुनिश्री जिनचन्द्रविजयजी को उत्तराध्ययन के योग मुनिश्री राजेन्द्रविजय व मुनिश्री ऋपचन्द्र विजयजी को कल्पसूत्र के योग एवं साध्वी श्री सुमेधाश्रीजी साध्वी श्री सुनंदिताश्रीजी को उत्तराध्ययन सूत्र के योगदहन चल रहे हैं । ]
SR No.532027
Book TitleAtmanand Prakash Pustak 092 Ank 09 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPramodkant K Shah
PublisherJain Atmanand Sabha Bhavnagar
Publication Year1994
Total Pages28
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationMagazine, India_Atmanand Prakash, & India
File Size3 MB
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