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५० पंचसंग्रह प्रथम भाग
५१ सुकृतसंकीर्तन महाकाव्यम्
५२ प्राचीन चार कर्मग्रंथ सटीक ५३ संबोधसित्तरी
५४ कुवलयमाळा
५५ सामाचारी प्रकरण
५६ करुणावज्रायुद्ध नाटक
५७ कुमारपाळ महाकाव्यम्
५८ श्री महावीर चरित्र
५९ कौमुदी मित्राणंद नाटकम्
६० प्रबुद्धरोहिणेयम्
६१ धर्माभ्युदयम्
६२ पंचनिर्ग्रन्थी प्रज्ञापना तृतीय पाद
६३ रयणसेहरी कथा
६४ सिद्धप्राभृत सटीकम् ६५ दानप्रदीप
६६ बंधहेतूदयत्रिभंगी प्रकरण ६७ धर्मपरीक्षा
६८ सप्ततिशत स्थान प्रकरण
४६९ चैत्यवंदन महाभाष्य
७० प्रश्नपद्धति
४७१ श्री कल्पसूत्र किरणावली
१ वीतराग स्तोत्र
२ प्राकृत व्याकरण
x३ ब्रह्मचर्य चारित्र पूजा
x४ विजयानंदसूरि
x५ नवस्मरण स्तोत्र संग्रह
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३-८-० ७२ योगदर्शन ०-८-० ७३ मंडळ प्रकरण
२-८-०
0-90-0
१-८-०
०-८-०
91810
७८ गुरुतत्त्वविनिश्वथ
91110
७९ देवेन्द्र स्तुति चतुर्विंशतिका
१-०-० ८० वसुदेव हिन्दी प्रथम खंड
०-६-० ४८९
द्वितीय खंड ०-५-० ८२ बृहतकल्प सूत्रम् पिठीका प्रथम भाग ०-४-० ८३ X८४
द्वितीय भाग तृतीय भाग
७४ देवेन्द्र नरकेन्द्र प्रकरण
७५ चन्द्रवीर शुभा कथा
७६ जैन मेघदूत
७७ श्रावक धर्म विधि प्रकरण
संग्रहणी प्रकरण ०-६० ४८५ सटीक चत्वार कर्मग्रंथ १०-६-० ४८६ ०-१००० ८७ बृहतकल्प भाग चोथो
२-०-०X८८.
पांचमो
०-२-०
०-८-० 01110
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८९ सकलाईत स्तोत्रम्
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0-90-0
१-०-० ९० बृहतकल्प भाग छट्टो ( हवे तुरतमां
91110
प्रसिद्ध थशे ) १-१२ ० ४९१ कहारयण कोहो ग्लेइझ
०-२-०
लेझर
अमूल्य
श्री आत्मानंद जन्म शताब्दिसीरीझ.
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पांचमुं विगेरे छपाय छे.
३-९-०
पंचम षष्टकर्मग्रंथ ४-०-०
५-८-०
६ वीतराग महादेव स्तोत्र
x७ त्रिषष्टि शलाका पुरुष चरित्र पर्व १लंबुकाकारे १-८-० पर्व बीजं, श्रीजुं, चोथुं,
८
६-४-०
५-०-०
८-८-० १०-०-०
* प्राकृत- संस्कृत मूळ ग्रंथो तो प्रथम पुरती सहाय जैमां मळेली ते ते ग्रंथो दरेक समुदायना गुरु महाराज के महोटा मुख्य मुनिराजोनी सम्मतिथी मुनि महाराजो वगैरेने शुमारे पचीश हजार रुपीयाना ग्रंथो ( भंडारो वगेरेने) विना मूल्ये भेट आपेला छे.
x आ निशानीवाळा ग्रंथो मळे छे, बीजा सीलीके नथी..