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શ્રી આત્માનંદ પ્રકાશ
* सभाले गत थवानी १३२. જૈન તીર્થ શ્રી કેસરીયાનાથજીને વૈષ્ણવ તીર્થ કરી દેવા માટે ત્યાંના પંડયાઓએ (કબજો મેળવવા માલકી ધરાવવા) શ્રી ઉદેપુરની કેટમાં
५२ हावा. નીચે લખેલ હકીકત અભયકુમાર યાત્રી નામના જૈન બંધુએ લખી મોકલી છે. जैन तीर्थ श्री केसरीयानाथजी को वैष्णव तीर्थ करार देनेवालो पन्डोने
कोरट में दावा दायर कर दीया. उदयपुर मेवाड में आये हुवे जैन तीर्य श्रीकेसरियानाथजी के पन्डोंने गत महीनो में एक दरखास्तद्वारा महाराणा उदयपुर का ध्यान खींचा था कि श्री केसरीयानाथजी का तीर्थ वैष्णवो का हैं, श्री रिषभदेवजी श्रीमद् भागवत में
आठ में अवतार लिखे हैं। पहले इस तीर्थ पर भोग भी लगता था इस वास्ते पहिला हक वैष्णव संप्रदाय का होना चाहीये । अब पन्डोने उदयपुर की कोर्ट में तीर्थ वैष्णव होने का दावा भी दायर कर दीया है. तहकीकात वास्ते खेरवाड़ा ग्राम जहां छाटेसिी अदालत है ओर केसरियानाथजी से १० मील दूर है मिशल भेजदी है । समज में नहीं आता उदयपुर को छोड ऐसी जगह मिसिल क्यों भेजी इस में भी अधिकारीयों की चाल है यानावा केफीयत जहां कोई भी जैनी पैरवी करनेवाला नहीं है ? क्या यह एक तर्फी पन्डो का फैसला देना सचित नही करता ? हम समस्त श्वेताम्बर जैन संघ को सूचना देना अपना फर्ज समझते है कि वो उदयपुर संघ के भरोसे चुप बैठा रहे न अपना कर्तव्यपालन करे; और साथ ही महाराणासाहब उदयपुर और अधिकारीवर्ग मेवाड कों चेतावनी देना अपना फर्ज ख्याल करते है कि वो इस तरह के जैन तीर्थो के मामले आखमिचौनी की तरह फैसल नह करे और जैनसमाज को फरीक बना कर उदयपुर में खुली अदालत दोनों पक्षो को अपना २ सपूत पेश करने का सीका दें ऐसा न हो मेवाड के नाम धर्मरक्षा जैसे मशहुर था उसे बट्टा लग जावें
भवदीय,
अभयकुमार यात्री. જેને માટે સસ્તા ભાડાની ચાલીઓની મુંબઈ શહેરમાં જરૂરીયાત.
વતન છોડી આજીવિકા અર્થે મુંબઈમાં આવી વસેલા જૈન બંધુઓને અત્યારની ભાડા વિગેરેની મેઘવારીનાં સબબે એક નાનીસુની એારડી કે જ્યાં પુરતી હવા-પ્રકાશને
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