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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir વત્તામાન સમાચાર, central museum Lahor. का प्रभावशाली व्याख्यान "जैन धर्म का भारत के कला कौशल्य में स्थान " पर हुआ । उन्होंने बडी योग्यता सेकडों अकाट्य प्रमाण देकर यह सिद्ध किया कि जैनधर्म भी किसी समय में राजधर्म रह चुका है । भारत का कोई प्राकृतिक दृश्य ऐसा नहीं है जहां पर जैन मंदिर, जैन मूर्ति और जैनियों की यादगार न हो, कई शताब्दियों तक जैनधर्म वही भारतीय जनता का धर्म रहा है । २७ मार्च को शिक्षा समिति की मीटिंग के बाद नये वि. का प्रवेश संस्कार हुआ। तदनन्तर डा. K. N. Sitaram M.A Ph D. का दूसरा भाषण अंग्रेजी ही में " जैनधर्म का मानव समाज को संदेश" पर हुआ, जिस में बतलाया कि अहिन्सा के सन्देशने २५०० वर्ष पहले जिस सुख और शांति को स्थापित किया था वही अहिंसा का सम्देश आज फिर दुनिया को जीवन प्रदान कर रहा है । दोपहर को २ बजे से विद्यार्थियों के भजन, संवाद और भाषण के बाद श्रीमति दुर्गादेवीजी का भाषण हुआ । तत्पश्चात् पं. सुखलालजीनै जनता को समज्ञाया कि जैन जाति को अहिंसा का सदुपेयाग भूल गया है कि अहिंसा की जान सेवा है और सेवा का क्षेत्र जैनियों का विशाल होना चाहिये । सभाने के एक भाई के गायन औद जंडियाले के भा. प्यारेलालजी के व्याख्यान के पीछे त्रस्टी, ऑडीटरान और प्रबन्धक समिति के सदस्यों का चुनाव हुआ । रात को वि. के भजन, संवाद और वाद विवाद प्रबन्धक समिति का चुनाव १२ वजे तक हुआ और उत्सव सहर्ष समाप्त हुआ । गुरुकुल को श्री सुमतिविजयजी व अन्य मुनिराजों की प्रेरणा से नारोवाल निवासी भा. दिखीराम जंगीरीमलजीने अपनी सारी संपति जिस का - न्दाजा लगभग १५००० किया जाता है दान की जिस के लिए वसीयतनामा रजिस्ट्री हो चुका है । और भी दान की कई छोटी २ रकमें प्राप्त हुई । इस अवसर पर श्री हस्तिनापुर तीर्थ क्षेत्र समिति की एक बैठक भी हुई। और पंजाब जैन महासभा की भी बैठक हुई। पंजाब जैन स्त्री समाज का भी अधिवेशन हुआ । संरक्षक परिषद में गुरुकुल के संबंध में बहुतसी ठीक २ बातें संरक्षको को बताइ गइ, जिनसे उन के भ्रम दूर हुए । अधिवेशन अपने उद्देश्य के लिहाजसे अति सफल हुआ। -मानद् मंत्री. For Private And Personal Use Only
SR No.531342
Book TitleAtmanand Prakash Pustak 029 Ank 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Atmanand Sabha Bhavnagar
PublisherJain Atmanand Sabha Bhavnagar
Publication Year1931
Total Pages30
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationMagazine, India_Atmanand Prakash, & India
File Size4 MB
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