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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir માનપત્રના મેળાવડો અને વાર્ષિક મહોત્સવ. ૨૮૩ श्रीमन् योग्य श्री श्रात्मानंद जैन महासभा (श्री संघ ) पंजाब तरफसें जयजिनेश्वर के साथ मालुम होवे की श्री वीरसंवत २४५१ श्री आत्मसंवत् २६ विक्रम संवत् १९८१ मागशर सुदि पंचमी सोमवार तारीख १ दिसंबर १९२४ को देश पंजाब शहेर लाहोरमें प्रातःकाल ७॥ बजे १००८ प्रातःस्मरणीय पूज्यपाद स्वर्गवासी जैनाचार्य न्यायांभोनिधि श्रीमद्विजयानंदमूरि (मात्मारामजी ) महाराज के वचनानुसार “ कि मेरे बाद वल्लभ पंजाबके श्री संघकी सार संभाल करेगा" योग्यता समजकर करीब चार पांच हजार श्रावक श्राविका समुदाय समक्ष-श्री १०८ वृद्ध मुनि महाराज श्री सुमतिविजयजी, पन्यास श्री सोहनविजयजी, पन्यास श्री विद्याविजयजी, तपस्वी महाराज श्री गुणविजयजी, श्री विचारविजयजी, श्री समुद्रविजयजी, श्री सागरविजयजी और श्री उपेन्द्रविजयजी साधु महाराज तथा साध्वीजी श्री देवश्री, श्री हेमश्री, श्री विवेकश्री, श्री चंद्रश्री, श्री चित्तश्री, श्री चंपकश्री श्रीहितश्री, और श्री चंपाश्री-एवं चतुर्विध श्री संघ पंजाबने मुनि महाराज श्री वल्लभविजयजी को आचार्य पदसे विभूषित करके श्री १०८ श्रीमद्विजयानंदसूरिके पट्टधर तरीके कायम करते हुए श्री विजयवल्लभमूरिके नामसे और आपकी इच्छानुसार पंन्यासजी सोहनविजयजी महाराजको उपाध्याय पदसे विभूषित करके गुरुभक्तिका प्रमाण दीया. आचार्य महाराज श्री विजयवल्लभसूरिजीने ह॥ बजे १६ वें तीर्थंकर भगवान श्री शांतिनाथजीकी प्रतिष्ठा की । तदनंतर श्री आचार्य महाराजने श्री तीर्थाधिराज श्री सिद्भाचलजीपर श्री स्वर्गवासी गुरुमहाराजकी विराजमान मूर्तिका परिचय देते हुए अपने यहां तन मन धनसे जो कुछ गुरुभक्ति की है उसका परिचय कराया, जिसको सुनकर श्री संघ पंजाबने आपकी निःस्वार्थ सेवा पर मुग्ध हो कर बतौर कदरदानी एक सुवर्णपदक (मॅडल) आपकी सेवामें भेजना निश्चित किया. होश्यारपुर निवासी नाहट गौत्रीय लाला गोरामलके सुपुत्र लाला अमरनाथने इस पदक का खर्च अपनी औरसे देनेकी इच्छा प्रगट की । श्री संघने इस बातको श्री १०८ श्रीमद्विजयानंदसूरि महाराज, श्रीमद्विजयवल्लसूरि और गुरुभक्त वल्लभदास गांधी की जय For Private And Personal Use Only
SR No.531260
Book TitleAtmanand Prakash Pustak 022 Ank 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Atmanand Sabha Bhavnagar
PublisherJain Atmanand Sabha Bhavnagar
Publication Year1924
Total Pages40
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationMagazine, India_Atmanand Prakash, & India
File Size4 MB
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