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વર્તમાન સમાચાર,
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इस नौ साल के अवसर में साधु मुनिराजों के पंजाब में न होने से जो कुछ धर्मोन्नति में बाधा पडी है । वह सब आप महानुभावों पर विदित है । और चन्दबार पंजाबकी और से अलगअलग मुनिराजाओं की सेवामें पंजाब पधारनेको विनति भी कई गई । परन्तु अन्तमें यही परिणाम ज्ञात हुआ कि सब मुनिराजगानका सङ्कल्प मुनिराजश्री वल्लभविजयजी और उनके शिष्योंके अतिरिक्त पंजाब की और पधारनेका प्रगट नहीं होता। और मुनिराजश्रीवल्लभविजयजी की सेवामें भी उस तरफ के लोगों की विनती प्रायः अधिकतर होती रहती है । और उनका प्रभाव पडता रहता है । इसलिये उनको पंजाब पधारने में देर और वाधा हो जाती है। अब सब बातोंको सामने रखकर और पंजाबकी दशाका ध्यान करके कि बिना मुनिराजाओं के पधारने के कितनी हानि हो रही है । यहां के श्री संघने ११ अक्तूबर को एकत्रित होकर यह सलाह की है कि पंजाब के प्रति नगरसे चन्दमुखियाभाई एकत्र होकर हस्तिनापुरके मेलेपर प्रथम हस्तिनापुरकी यात्रा करते हुये फिर जूनागढ श्री मुनि वल्लभविजयजी महाराज की सेवामें पंजाब पधारनेकी विनति के लिये प्रस्थित हों यदि पंजाबके प्रत्येक शहरसे पांच २ सात २ भाई इकट्ठे होकर महाराजजी की सेवामें प्रार्थना करेंगे तो पूरी आशा है कि महाराजजी अपने शिष्यों सहित पंजाबको शीघ्रही पवित्र करेंगे।
__ यतः श्रीहस्तिनापुर तीर्थके उद्धारकी भी बडी आवश्यकता है । इस अवसर पर जानेसे दोनों कार्योंकी सिद्धि हो जावेगी। इस स्थानसे सात महाशयः-ला० गंगाराम, ला० जगतूमल, ला० रामशरणदास, ला० चान्दनराम सराफ, ला० सन्तलाल सराफ, ला० वखतावरमलने विनती के लिये जाना स्वीकार कर लिया है । तथा आशा है इस स्थानसे और भी कुछ भाई अवश्य इस अवसर पर जानेके लिये तत्पर हो जावेंगे । आपके शहरसे भी अवश्य कमसे कम आठ दश मनुष्य अवश्य जानेके लिये कृपा करेंगे।
विचार यह है कि मिति कार्तिक शुदि दशमी शनिवारको इस स्थानसे पस्थित हों । और इस तिथितक सब शहरके भाई अंबाला शहरमें एकत्र हो जावें यतः इसके अतिरिक्त और कोई मुहूर्त ठीक नहीं है। अतः आप श्री संघकी सेवामें निवेदन है कि आप अपने शहरके सकल श्रीसंघको जमा करके
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