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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir વર્તમાન સમાચાર २५५ AdvernmArchivsennnnnnnnn વર્તમાન સમાચાર. श्री मालवादेस बडनगरमें मुनिराजका प्रवेस तथा याहां पंदरा दिनका महोच्छव. उज्जयनसें महाराज साहब श्री १००८ श्री हंसविजयजी तथा प. न्यासजी श्री संपतविजयजी आदिका बडनगर पहोचना हुवा जब यहांके श्रीसंघने इंग्रेजी वाजे आदिके ठाठसे सामने जाके शहरमें प्रवेश कराया तथा जिनवाणी श्रवण करके १५ दिनका महोच्छव करवाया. चैत्र सुदि १ से श्रीसंघके आगेवान जुदे जुदे सद्गृहस्थोने पुजाए पढाई सुदी ७ तथा आठमसें उजमणावाले उदेचंदजीकी तरफसें पुजाये पढाई गई थी. रतलामसें गायन मंडली बुलाई गई थी तथा चैत्री पुनमके रोज ठाठमाठसें वरघोडा निकला, वदि १ के रोज इनकी तरफसें स्वधर्मीवात्सल्य हुवा. उस रोज लाकडावाला ताराचंदजी कस्तुरचंद तरफसे अंदाज रुपया ३० लगाके २१ प्रकारकी पूजा पढाई इस महोत्सवमें रतलामसें अंदाज १०० श्रावक श्राविकाओने लाभ लिया तथा पंजाबके लाला पन्नालालजी अमृतसरवाले जोहरी, सहकुटुम्ब हाजीर थे, और भी नीचे लिखे गामोके निवासी सद्गृहस्थ हाजीर हुवे थे १ मेदपुर, २ जावरा, ३ मानपुरगुजरी, ४ कीसनगढ, ५ पटलावद, ६ खवासो ७ मऊ, ८ सेमलावदो, ९ रावटी १० धार, ११ इन्दौर. देवद्रव्यके घृतकी बोलीमें इन्दौरवाले हीरालालजी आदि लोगोंने लाभ उठाया. चैत्र शुद १३ के रोज महावीरस्वामीका जन्मकल्याण होमेसे श्री महावीरपभुके देवलमें पंचकल्याणककी पूजा पढाई गई थी, और इहांके विद्यार्थीयोंकी महाराजश्री हंसविजयजी साहेबने परिक्षा लीथी, इसलीये विद्यार्थीओ और अध्यापककुं इनाम देनेमें आया था. (मळेलु). For Private And Personal Use Only
SR No.531154
Book TitleAtmanand Prakash Pustak 013 Ank 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Atmanand Sabha Bhavnagar
PublisherJain Atmanand Sabha Bhavnagar
Publication Year1915
Total Pages36
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationMagazine, India_Atmanand Prakash, & India
File Size19 MB
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