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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दाद का मरहम । यों तो बाजार में दाद की दवाइयां कई तरह की हैं पर उन में किसी न किसी तरहका नुक्स जरूर पाया जाता है, परन्तु हमारी इस दवा से किसी तरह की तकलीफ नहीं होती और न बूरी बू आती है तथा दाद के दादा को तगादा कर भगाती है । की डि० ।) पवित्र असली २० वर्षका आजमूदा सैकडों प्रशंसापत्र प्राप्त. __ नमक सुलेमानी। फायदा न करे तो दाम वापस. ये हैजा बदहजमी पेचिश शूल वायु रोग पेटका दर्द बरबट में रामवाण सम है, गठिया बात खांसी दमा नापी व स्त्रियों के मासिकधर्म की खराबी में जादू का असर देता है जिगर व पेट की सब खराबीयों को दूर करके पाचनशक्तिको बढाता है । दाम फी शीशी ।।) डा० ख० ।) तीन शी० ११) डा०) छः शो० २॥) डा० ॥) बारह शी० ५) डाकखर्च ॥) नयनामृत सुरमा । इसके लगाने से आंखों का जाला धुन्ध फुली नेत्रों से पानोका बहना नजले का उतरना आंखों की सुखी परवर आदि नेत्रों के सर्व रोग दूर हो जाते हैं और चस्मे का लगाना छुट जाता है और गो तक नेत्रोंकी ज्योति कम नहीं होतो और रोज लगाने से आंखों में ठ' आंखें नहीं पकती हैं की० फो शीशी १) डा० अ० असली 3 इस मशहूर दवा की अधिक प्रः पर वर्षों से यह असली अर्क कपूर हैन और परमोत्तम गुणकारी हजारों वार । इये कीमत फी शीशी।) आना For Private And Personal Use Only
SR No.531150
Book TitleAtmanand Prakash Pustak 013 Ank 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Atmanand Sabha Bhavnagar
PublisherJain Atmanand Sabha Bhavnagar
Publication Year1915
Total Pages48
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationMagazine, India_Atmanand Prakash, & India
File Size21 MB
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