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भगवान श्री पार्श्वनाथ भजन
तुम से लागी लगन, ले लो अपनी शरन पारस प्यारा, मेटो मेटो जी संकट हमारा
निश दिन तुम को जपूं पर से नेहा तजूं जीवन सारा तेरे चरनों मे बीते हमारा ॥ तुमसे..
अश्वसेन के राज दुलारे, वामा देवी के सुत प्राण प्यारे सब से नेहा तोड़ा जग से मुंह को मोड़ा, संयम धारा ॥ मेटो ।
___ इन्द्र और धरणेन्द्र भी आये, देवी पदमावती मंगल गाये आशा पूरो सदा, दुख नहीं पावे कदा, सेवक थारा ॥ मेटो मेटो ॥
जग के दुख की तो परवाह नहीं है, स्वर्ग सुख की भी चाह नहीं है मेटो जामन मरन होवे ऐसा यतन, पारस प्यारा ॥ मेटो मेटो ॥
लाखों बार तुम्हें शीश नवाऊं, जग के नाथ तुम्हें कैसे पाऊं "पंकज" व्याकुल भया, दर्शन बिन यै जिया लागे खारा ॥ मेटो ।
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