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________________ SHRI PADMAVATI SHAKTI PEETH (INDIA) (A NON PROFIT CHARITABLE TRUST) FOUNDER- PUJYA SHRI MANAK MUNIJI MAHARAJ Ref. No Dated. - मंगल संदेश - भगवान श्री महावीर ने फरमाया है - धर्म त्राण है, धर्भ शरण है, धर्म दीप है। इस संसार समुद्र में डूबे पुए प्राणियों के लिए धर्म सहारा है। जीवन में यदि धर्म है तो निश्चित ही शान्ति का , मुरव का , अानन्द का द्वार खुलेगा । शान्त , सुख और आनन्द । जीव की मूलभूत बाद ऐती है । इस बार की पूर्ति के लिए धर्म की शरण में जाना ही होगा। प्रतिवर्ष अमेरिका - कनाडा की यात्रा में यहा के समाज में बढ़ती हुई धर्म भावना व जाति को देखकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता होती है। जैना कन्वेन्शन इसी जाति को बदाने का एक प्रदान उपका है। सिनसिनाटी - डेटन जैन संघ ने जैना कवेन्शन क गुरुतर दायित्व लेकर ही भावना को उजागर किया है, २००२ के पर्युषण में मैंने देखा - इस संघ में आयति है , भावना , एकता और संगठन है। जहा ये बातें होती है वहां हर मुश्किल आसाम बन जाती है। संगठन में शक्ति होती है । इस संघ की या विशेषता अनुकरणीय है। प्रनु से यही प्रार्थना है कि नार्थ अश्किा समाज इस दिशा में इसी गति से आगे बेदना रो ताकि आने वाली पीढ़ी भी इसी मार्ग का अनुसरण करे। जैना तया सिनासनाटी रेटन संघ को इस पावन कार्य के लिए मंगल ‘आशीबदि । शुभ कामना के साथ - मान मनक कुमार न्यूयार्क नवम्बर 18 , २००२ 346, BHERA ENCLAVE, PASCHIM VIHAR, NEW DELHI-110087 Ph. 5283673 42 Jain Education Interational 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.527526
Book TitleJAINA Convention 2003 07 Cincinnati OH
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFederation of JAINA
PublisherUSA Federation of JAINA
Publication Year2003
Total Pages156
LanguageEnglish
ClassificationMagazine, USA_Convention JAINA, & USA
File Size7 MB
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