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॥ श्री महावीराय नमः॥
सोपवार, २८ मा १९९४ दितीय पुण्य स्मृति. धार्मिक परीक्षा बोर्ड, राष्ट्रसंत आनंद प्राषिजी मार्ग, आमटानगर
दिनांक 22/४/१९९४
आचार्य श्री सुनिीलमुनीजी म सा का गठाप्रमाण सुनकर दियको आधाल' लगा।
जैन अर्भ और मनवीरवाणीको दुनियाके कोने कोने तक पहुँचाने के लिह-जो कार्य उन्होंने किया वह -कभी भुलाया नहीं जा सकता।
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भारतीय जैन संस्कृतिके उस सजग प्रहरीको हार्दिक भावपूर्ण श्रदोजही ।
- आदर्षि
आनर धाम
अहमदनगर ROGRARICRORICROCOCKIRRORICRORIRicories
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कुन्दकुन्द भारती (ट्रस्ट)
प्राकृत भाषा भवन १८वी स्पेशल इन्स्टीट्यूशनल एरिया,
नई दिल्ली- ११००६७
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दूरभाष: ६६४५१०
दिना२३.४-१६६४
बीहारिका धर्म को बर हो अपर्म का नाश हो
शानियों में मचाना हो विश्व का कल्याण हो गो माता को रब हो
गोइया बन्द हो हर हर महादेव भारत में धर्म, शास्त्रीय मर्यादा तथा परम्परा की संरक्षक संस्था
अखिल भारतवर्षीय धर्मसंघ मनाभी बालोन यसबाट क्याबी धन्याः
केन्द्रीय कार्यालय लामो यो करवानी से बनाराज मंवर्धनपानरपरमपूग्य वमनुरु 7.कराचार्य मार्ग दिल्ली-110054 द्वारा स्थापित शकरावा अनन्त यो विभूषित
दूरभाष: 2914579 स्वायो बी निरसनदेनतीर्थ श्री महाराज, पुरी (उड़ीसा)
आचार्य श्री सुशील कुमार जी के मृत्यु महोत्सव के अवसर पर
आचार्य श्री विद्यानन्द जी का सन्देश
आचार्य सुशील कुमार जी के आकस्मिक निधन से देश दुःखी है। उनका व्यक्तित्व विराट था। वे अहिंसा, सत्य और शाकाहार के प्रतीक थे। उन्होंने तनूची दुनिया को शांति और अहिंसा की यथार्थता की ओर प्रेरित किया।
पत्रक
शान-प्रस्ताव
दिनांक २३-६-१ffe
उन्होंने निजी साधना को तभी महत्वपूर्ण माना, जब वे समाज और राष्ट्र की हित साधना में संलग्न हा । उन्हान एसा पाया और वे इसके प्रतीक बन गये।
उनकी आत्मा को शांति प्राप्त हो-ऊँ शांति।
अन्तर्राष्ट्रीय महावीर जैन मिशन के संस्थापक आचार्य मी मुनि सथीलदमारजी के पाकस्मिानालय ने समाचार से 'यासिल-अस्मामा-में शोक छा गया। सभा में उन्नने, 'प्रति महाजालि प्रपित की गमी भासिड द्वारा गोरक्षा चन्दिालत में उन मा सहयोग रहा फिरमा सदिलीम गोरक्षामहाभियान समिति भी कार्य - कामी में से सन् १६६६ में पुरी के जनशमनार्भ स्वामी मीनियमानदेनीपनि महाराज के एतिहानियान में उपाय भीती दिन एन शन में ।
मापने न रखने से यानिक जगत नो.पीय
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June 1994 Jain Digest
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