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Jain Digest
अन्तर्राष्ट्रीय विश्व धर्म सम्मेलन की स्थापना
सन् १९५४ बम्बई में सर्व धर्म सम्मेलन का आयोजन और आशातीत उपलब्धियाँ । बम्बई के मुख्य मंत्री श्री मोरार जी देसाई द्वारा सम्मेलन का उद्घाटन। 18 धर्म गुरुओं द्वारा ५ सिद्धान्तों का प्रतिपादन । आध्यात्मिक वृत्ति, सह अस्तित्व, सत्य, अहिंसा और प्रेम ।
सन् १९५५ दिनांक २६-२७-२८ नवम्बर में उज्जैन में आयोजित द्वितीय सर्व धर्म सम्मेलन में वरिष्ठ राजनीतिज्ञों और धर्मनेताओं ने भाग लिया।
प्रथम विश्व धर्म सम्मेलन
सन् 1957 में 17-18 - 19 नवम्बर को प्रथम विश्व धर्म सम्मेलन दिल्ली में संपन्न हुआ। सन् 1954 में सर्व धर्म सम्मेलन के रूप में रोपा गया पौधा पल्लवित पुष्पित हो कर विश्व शान्ति के सन्देश को विश्व में प्रसारित करने लगा।
इस सम्मेलन की अध्यक्षता डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् ने की और उद्घाटन प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्दप्रसाद ने किया। मुख्य अतिथि थे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर नेहरू और शिक्षा मंत्री अब्दुल कलाम आजाद और २७ देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। १२०० धर्म नेताओं और ५ लाख लोगों ने इसमें भाग लिया। भारत के इतिहास में यह अभूतपूर्व सम्मेलन था ।
द्वितीय विश्व धर्म सम्मेलन
२ फरवरी १९६० कलकत्ता में आयोजित इस सम्मेलन में सभी धर्म प्रतिनिधियों ने राजनेता और 30 देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।
२६-२७-२८ फरवरी १९६५ दिल्ली में हुए इस सम्मेलन में ३६ देशों के प्रतिनिधियो ने उपस्थित होकर अपने विचार प्रस्तुत किये। प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री गृहमंत्री श्री गुलजारी लाल नन्दा तथा अन्य राजनेताओं और विभिन्न धर्म नेताओं ने अपने अमूल्य संदेश दिये। मानव जाति के उत्थान और कल्याण तथा विश्व शान्ति की स्थापना हेतु सप्त सूत्रों का निरूपण किया।
चतुर्थ विश्व धर्म सम्मेलन
४-५-६ फरवरी सन् १९७० दिल्ली में आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन जापान के प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु फुजीई गुरु जी ने किया । उपप्रधान मंत्री श्री मोरार जी ने अध्यक्षता की। 38 देशों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में सम्मिलित हुए ।
June 1994
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