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________________ इसकी घोषणा भी उन्होंने की। समापन-सत्र में मुख्य वक्तव्य देते हुए विख्यात प्राकृत भाषा मनीषी प्रो. राजाराम जैन ने कहा कि प्राकृतभाषा के क्षेत्र में अद्यावधि देश-विदेश में हुए कार्यों का डाटा विद्यापीठ में एकत्रित होना चाहिए। साथ ही अप्रकाशित प्राकृत पांडुलिपियों एवं ग्रंथों का भी विवरण रखा जाए, तथा हो सके, तो उनकी (E-copy) भी रखी जाए, ताकि शोधार्थियों की अधिक महत्वपूर्ण- साधन मिल सकें । प्राकृत के अद्यावधि सम्पन्न शोध प्रबंधों की छायाप्रतियां भी रखी जानी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस कार्य को करने में अपनी विशेष क्षमता व योग्यता का प्रमाण इस कार्यशाला के सफल संयोजन व संचालन द्वारा प्रो. सुदीप जैन ने दे दिया है। पहिले से भी उनकी प्रतिभा व क्षमता से प्राकृत जगत परिचित है, अतः ये कार्य उनके द्वारा संभव है। अतः विद्यापीठ इन कार्यों को उनके निर्देशन में सम्पन्न कराए। -डॉ.सुदीपजैन, संयोजक उत्कृष्ट योगदान हेतु डॉ. 'भागेन्दु' जैन का नागरिक अभिनंदन तीनलारम Mसार यहां गणतंत्र दिवस पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. शैलार स्मृति न्यास दमोह ने आपकान करती है साहित्य, संस्कृति, कला, समाज, धर्म और दर्शन शास्त्र के मूर्धन्य विद्वान प्रोफेसर भागचन्द्र जैन 'भागेन्दु' दमोह को उच्च शिक्षा, साहित्य और समाज सेवा के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान के लिए एक भव्य विशेष समारोह में मध्यप्रदेश शासन के जल संसाधन एवं पर्यावरण मंत्री माननीय श्री जयन्त मलैया जी के मुख्य आतिथ्य में श्रीफल, शाल एवं प्रशस्ति पत्र समर्पित कर सम्मानित किया। अनेक संस्थाओं की ओर से भी पुष्प मालाओं के द्वारा अभिनंदित किया गया। इस भव्य और गरिमा मंडित समारोह की अध्यक्षता दमोह नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पं. मनु मिश्रा ने की। समारोह के विशिष्ट अतिथि दमोह जिला पुलिस अधीक्षक श्री डी.के.आर्य और दमोह जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. पी.एल. शर्मा थे। डॉ. 'भागेन्दु' जी के व्यक्तित्व, वैदुष्य और योगदान पर बुंदेलखंड साहित्य संस्कृति कला परिषद के अध्यक्ष श्री अजीत श्रीवास्तव एडवोकेट एवं पूर्व विधायक श्री आनंद कुमार श्रीवास्तव ने प्रकाश डालकर उन्हें अभिवन्दित किया। डॉ. भागेन्दु तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है । बधाई। 90 अर्हत् वचन, 23 (3), 2011
SR No.526590
Book TitleArhat Vachan 2011 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2011
Total Pages101
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size32 MB
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