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InHkZ LFky % 1. हरिवंश पुराण, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली, द्वितीय संस्करण 1978, सर्ग 57, गाथा 149, पृ. 656 2. वही, सर्ग 57, पृ. 656 3. आचारसार, आचार्य वीरनंदि सिद्धांतचक्रवर्ती प्रणीत, मैनसर (राज.), संस्करण, वी.नि.सं. 2507,
द्वितीय अधिकार, गाथा 89, पृ. 39 4. पद्मपुराण, आचार्य रविषेण, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली, भाग-3, पर्व 106, पृ. 284 5. सागारधर्मामृत, पं. आशाधर, हिन्दी अनुवाद पं. कैलाशचन्द शास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली
प्रथम संस्करण, पृ. 325, श्लोक 57 6. प्रवचनसार, आचार्य कुन्दकुन्द, जयसेन कृत टीका, भा. अनेकांत विद्वत् परिषद, गाथा 224.9 पृ. 53 7. अष्टपाहुड़, आचार्य कुन्दकुन्द, हिन्दी अनुवाद-पं. पन्नालाल साहित्याचार्य-सागर, शांतिवीर दिगम्बर
जैन संस्थान, महावीरजी, प्रथमावृत्ति-वी. नि. सं. 2494, अधिकार, गाथा 7, पृ. 95 8. वही, गाथा 10, श्रुतसागरसूरि टीका 9. वही अधिकार 1, गाथा 18, पृ. 28-29 10. मूलाचार, आचार्य वट्टकेर (अपरनाम-आचार्य कुन्दकुन्द), भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली
छठा संस्करण 2006, समाचार अधिकार - गाथा 187 (आचार्य वसुनंदि सिद्धांतचक्रवर्ती की टीका),
पृ. 153 11. आचारसार, आचार्य वीरनंदि सिद्धांतचक्रवर्ती प्रणीत, प्रकाशन स्थल-मैनसर (राज.),
संस्करण-वी.नि.सं. 2507, अध्याय 2, गाथा 81, पृ. 37 12. मूलाचार प्रदीप, आचार्य सकलकीर्ति विरचित, गाथा 2290 एवं 2291 13. मूलाचार, गाथा 97, पृ. 235 14. हरिवंश पुराण, पृ. 213 15. बोधपाहुड़, आचार्य कुन्दकुन्द, अंतर्गत-अष्टपाहुड़, अधिकार 4, गाथा 22, पृ. 144
ति अपाय 16. प्रायश्चित चूलिका, अंतर्गत श्रीमद् आचार्य गुरुदास विरचित प्रायश्चित समुच्चय, हिन्दी अनुवादक
हिन्दी अनुवादक पं. पन्नालाल सोनी-मुरैना, भारतीय जैन सिद्धांत प्रकाशिनी संस्था - कलकत्ता, वी.नि.सं. 2453,
गाथा 114, पृ. 197 17. मूलाचार, गाथा 599, पृ. 439 18. वही पृ. 443, 444 19. पद्मपुराण, भाग 3, पर्व 92, श्लोक 24 20. वही, श्लोक 34 21. नीतिसार समुच्चय, श्री इन्द्रनंदि सूरि विरचित, प्रकाशक-भारतवर्षीय अनेकांत विद्वत् परिषद,
संस्करण 1990, श्लोक 51, पृ. 53? ikir%30-06-2011
अर्हत् वचन, 23 (3), 2011